क्या आप जानते हैं कि चेहरा शर्माने पर लाल और डरने पर पीला क्यों पड़ जाता हैं ?
डर से पीला चेहरा क्यों?
अत्यधिक भय की स्थिति में हमारा चेहरा पीला पड़ जाता है – जैसे; यदि चिड़ियाघर में घूम रहे हों और शेर अचानक पिंजड़े से बाहर आकर सामने खड़ा हो जाए।
क्यों होता है चेहरा डर से पीला ? इसलिए कि चेहरे से खून शरीर के दूसरे भागों में एकाएक और तेजी से चला जाता है। डर की हालत में दिल तेजी से धड़कता है, ताकि खून हाथ-पैरों में ज्यादा और तेजी से पहुँचे महत्त्वपूर्ण हार्मोन ‘एड्रेनेलिन’ भी तेजी से शरीर में पहुँचता है। वास्तव में आपका मस्तिष्क डर की वजह से आपको भगाने के लिए आपके हाथ-पैरों को तैयार कर रहा होता है। अगर डर से आप बेहोश नहीं हो गए तो वहाँ से भाग खड़े होंगे।
जब डर जाता रहेगा तो चेहरे की नसें खून लौटा लाएँगी और पीलापन जाता रहेगा।
शरमाने पर चेहरा लाल क्यों ?
शर्म और खुशी के चरम क्षणों में कान और गाल लाल हो उठते हैं। लाल गाल, कान देखकर लोग कहते हैं, ‘देखो, शरमा रहा / रही है’।
होता यह है कि हमारी त्वचा के नीचे की छोटी-छोटी रक्त कोशिकाओं में ऐसे अवसर पर रक्त ज्यादा आ जाता है, वे फैल जाती हैं और उस रक्त की लालिमा गालों कानों तक दिखाई देने लगती है। जितना गोरा चेहरा उतने सुर्ख गाल ।
प्रकृति ने शरमाने का तरीका मस्तिष्क की सुरक्षा के लिए खोजा है। शरमाने या खुशी के चरम क्षणों में रक्त तेजी से मस्तिष्क में न पहुँच जाए, इसलिए वह चेहरे की त्वचा के नीचे की धमनियों में फैल जाता है। रक्त का तापमान नियंत्रित हो जाने पर ही वह मस्तिष्क में जाता है; लेकिन चेहरे के लिए शर्म हो या खुशी छिपाना मुश्किल हो जाता है।