लेवी स्ट्रॉस का संरचनावाद pdf

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Short Introduction about Levi Strauss

फ्रांसिसी दार्शनिक , भाषा विज्ञानी एवं मूर्धन्य मानव शास्त्री। 

संरचनात्मक मानवशास्त्र के प्रणेता  ।

● लेवी स्ट्रॉस  संरचनावाद , भाषा , मिथक , नातेदारी सम्बन्धी सामाजिक एवं मानवशास्त्रीय अध्ययनों के लिए प्रसिद्ध हैं।

● प्रमुख पुस्तकें : 
1. The Elementary Structures of Kinship ( 1945 ) इसी प्रथम पुस्तक में लेवी स्ट्रॉस ने संरचनावाद की रूपरेखा को प्रस्तुत किया ।
2. Structural Anthropology ( 1958 ) ( 2 Vol . ) 
3. The Savage Mind ( 1962 )
 4. Totemism Today ( 1962 )
 5. The Structural Study of Myths ( 1963 ) 
6. The Naked Man ( 1971 ) 
7. The View from Aftar ( 1983 ) 
8. The Jealous Potter ( 1985 )

●इनकी विचारधारा संज्ञात्मक प्रकृति की है ।

●मानवशास्त्र पहले मनोविज्ञान है ( Savage mind ) 

●लेवी स्ट्रॉस के अनुसार संस्कृति एक मानसिक रचना है । 

●मिथक एवं टोटम सम्बन्धी अध्ययनों पर लेवी स्ट्रॉस के दुर्बीम एवं मार्शल मॉश का प्रभाव दिखाई देता है । 

●नातेदारी की संरचना में लेवी स्ट्रॉस 4 प्रकार की नातेदारी बताते हैं ( 1 ) भाई बहिन ( 2 ) पति – पत्नी ( 3 ) पिता – पुत्र ( 4 ) मामा – भांजा 

●ये नातेदारी अणु ( प्रारम्भिक ढाँचा ) कहे जा सकते है।

●लेवी स्ट्रॉस वंश सिद्धान्त ( Descent Theroy ) के स्थान पर Alliance Theory ( गठजोड़ ) को प्रस्तुत करते हैं । फ्रेंच भाषा में विवाह को Alliance कहा जाता है ।

● यह धारणा संरचनात्मक भाषाशास्त्र तथा मार्शल मॉस के समाजशास्त्र के साथ जुड़ी हुई है ।

● लेवी स्ट्रॉस के अनुसार संरचनावाद की जड़ मानव चिन्तन की प्रक्रियाओं ( मानसिक रचनाओं में गढ़ी हुई हैं । संरचनावाद का स्रोत भाषाशास्त्र है । ये मानसिक रचनाएँ द्विभाजित विपरीतता लिए होती हैं , जैसे- दाएं – बाएं , ऊपर – नीचे , ठण्डा – गर्म , सफेद काला आदि इन्हें स्ट्रॉस Binary Opposi tions कहते हैं ।

स्ट्रॉस जटिल संरचनावादी हैं । उन्होने संस्कृतिवाद ( Culturalism ) को संरचनावाद के माध्यम से चरम सीमा तक पहुँचाया है ।    

लेवी स्ट्रॉस का संरचनावाद का सिद्धांत 

लेवी स्ट्रॉस फ्रेंच मानव शास्त्रीय विचारधारा से संबंधित है। वह “संरचनावाद ” के जनक माने जाते हैं । उनका जन्म 1908 में बेलजियम में हुआ था । वह कानून के विद्यार्थी थे । बाद में उनका रुझान मानवशास्त्र की तरफ हो गया । उनके सिद्धांतों में रूसो , दुर्खीम तथा मार्शलमाँस का प्रभाव दिखता है । उनकी कुछ प्रमुख पुस्तकें इस प्रकार है – 

1) The elementary structure of kinship (1949 ) 
2) Structural anthropology ( 1963 ) 
3) Totemism ( 1963 ) 
4) Savage mind ( 1966 )
 5) Mythologiques 4 volums ( 1964_1972 ) 
6) Raw and cooked ( 1969 )

संरचनावाद

संरचनावाद समाज की संरचना के संदर्भ में घटनाओं  के विश्लेषण का एक परिपेक्ष्य है। इसका सर्वप्रथम उपयोग 1900 -1930 के मध्य भाषा विज्ञान के क्षेत्र में हुआ था जिसने भाषा की संरचना का अध्ययन किया जाता था। स्वीडन के प्रसिद्ध भाषाविद फर्डिनान्द द सस्यूर  इसके प्रवर्तक माने जाते हैं। सन् 1960 के बाद फ्रांस में सामाजिक विज्ञानों तथा मानविकी में विश्लेषण के इस परिप्रेक्ष्य को अपनाया जाने लगा। 

फ्रांस में संरचनावाद की पद्धति को स्थापित करने का श्रेय फ्रांसीसी वैज्ञानिक तथा मानविकी विज्ञानिक लॉर्ड लेवी स्ट्रॉस को है। लेवी स्ट्रॉस के अनुसार संरचना यथार्थ का अंग तो है, लेकिन वह अमूर्त है क्योंकि संरचनावाद की जड़े मानव मस्तिष्क की चिंतन प्रक्रिया में गढी है। उनका कहना है कि सभी संस्कृतियों के तत्व मूलतः एक ही मानसिक प्रक्रिया की उपज है  जो संपूर्ण मानव में समान रूप से पाई जाती हैं। यह संभव है कि सांस्कृतिक दृष्टि से बाहर रूप में भिन्नता हो। लेकिन आंतरिक संरचना में वही समानता होती है एवं मानव चिंतन की समान संरचना को प्रकट करती है। 

स्ट्रॉस के अनुसार संरचना का अवलोकन नहीं किया जा सकता है और ना ही उन्हें इंद्रियों के माध्यम से देखा जा सकता है। यह अदृश्य है लेकिन मानव मस्तिष्क की कार्य प्रणाली के संबंध में मूलभूत तत्वों की जानकारी उसकी सांस्कृतिक सभी व्यक्तियों के अवलोकन द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। 

लेवी स्ट्रॉस के अनुसार व्यवहारिक और सामाजिक प्रतिमाओं का अगर गहराई से अध्ययन कर कर उन्हें स्वीकृत किया जाए तो अर्थबोध की ऐसी संरचनाएं मिलेंगी जो समस्त मानव जाति की संरचना मानी जा सकती है। अगर ऐसी सार्वभौमिक संरचनाओं की खोज आदिमानव की जाए तो मानव संस्कृति की आधारशिला मिल जाएंगे। शायद यही पता चलेगा कि विचारों की विधा आधुनिक मानव की भी वही है जो आदिमानव की थी । अंतर मात्र इतना है कि विचार की विषय वस्तु बदल गई है । आदि मानव हथियार और और शिकार के बारे में जिस विधा से सोचता था। हम भी प्रबंध उत्पादन और लाभ के बारे में उन्हीं विधाओं द्वारा सोचते हैं। अतः लेवी स्ट्रॉस का संरचनावाद मानसिक प्रक्रिया है और समस्त मानव जाति और संस्कृति में सार्वभौमिक है।

              स्ट्रॉस अपनी पुस्तक ” Elementary structure of kinship ” में उन्होंने नातेदारी व्यवस्था के विश्लेषण द्वारा संरचनावाद को समझाने का प्रयास किया है . उन्होंने विवाह संबंधों को आधार बनाकर नातेदारी व्यवस्था का अध्ययन किया तथा इसके द्वारा सामाजिक संरचना को समझने का प्रयास किया।अपने अध्ययन में स्ट्रॉस ने नारी विनिमय पर ध्यान केंद्रित करते हुए नारी विनिमय को सामाजिक संबंधों को विकसित करने की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा है। जिन समूहों के बीच जारी विनिमय होता है उन समूहों के बीच आपसी संबंध विकसित हो जाते हैं। साथ ही यह समूह नारी के साथ भी संबंध रखते हैं। यह संबंध समूहों के बीच मध्यस्थता स्थापित करने में सहायक होते हैं। 

इसके अलावा संरचनावाद को विश्लेषण करने के लिए स्ट्रॉस ने “दोहरे प्रतिरोध” की चर्चा की थी । उनके अनुसार पूरी दुनिया में मनुष्य किसी भी घटना या वस्तु को दो विपरीत नजरिए से देखते हैं जैसे रात दिन , ठंडा- गरम जीवन मृत्यु इत्यादि स्ट्रॉस ने इसे सार्वभौमिक माना है । हर संस्कृति में लोगों की विचार पद्धति दोहरे प्रतिरोध से प्रभावित होती है इसलिए हर संस्कृति अलग होती है। स्ट्रॉस अपनी पुस्तक Raw and cooked में इन्होंने भोजन की संरचना का भी विश्लेषण किया है ।

 LEVI STRAUSS STRUCTURALISM PDF-


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