सामाजिक संगठन के रूप में अस्पताल का विकास

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Medical Sociology 

सामाजिक संगठन के रूप में अस्पताल का विकास (Evolution of hospital as social organisation )

सामाजिक संगठन के रूप में अस्पताल का विकास



ऐतिहासिक रूप से सामाजिक संगठन के रूप में अस्पताल का विकास चार चरणों में हुआ है (william cockerham,  Medical Sociology)

1) अस्पताल धार्मिक केन्द्र के रूप में (Hospital as a religious center) 

2) अस्पताल एक गरीब घर के रूप में (Hospital as a Poorhouse)

3) अस्पताल एक मृत्यु घर के रूप में (Hospital as a deathhouse) 

4)अस्पताल चिकित्सक प्रौद्योगिकी के केंद्र के रूप में (Hospital as center of medical technology) 

1)अस्पताल धार्मिक केन्द्र के रूप में (Hospital as a religious center) –

सबसे पहले रोमन ने चिकित्सा सुविधाओं के रूप में अस्पताल की स्थापना की । अस्पताल की उत्पत्ति ईसाई धर्म से जुड़ी है । ईसाई धर्म में इस बात पर जोर दिया जाता था कि बीमार और जरूरतमंदों की सहायता करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। परिणामस्वरूप रोमन कैथोलिक चर्च में पादरियों को अस्पताल स्थापित करने और अस्पतालों को इसाई धर्म के प्रयास की विशेषताओं के रूप में प्रोत्साहित किया गया । 15वीं शताब्दी के अंत तक पूरे पश्चिमी यूरोप में अस्पतालों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित हो गया । लेकिन यह अस्पताल आधुनिक समाज के अनुसार नहीं थे यह अस्पताल निम्न वर्ग के रोगियों की देखभाल के भी सामूहिक सामुदायिक केंद्र के रूप में थे । पुनर्जागरण सुधार के दौरान अस्पताल के धार्मिक चरित्र या विशेषताएं गायब होने लगी ।

2)अस्पताल एक गरीब घर के रूप में (Hospital as a Poorhouse)- 

पुनर्जागरण के दौरान अस्पतालों के धर्मनिरपेक्षीकरण से उनकी भूमिका में बदलाव आया अस्पताल चर्च के नियंत्रण से हटकर राज्य के नियंत्रण में आ गए अस्पताल रोगी के उपचार देखभाल के साथ-साथ गरीबों को भोजन और आश्रय भी प्रदान किया

3)अस्पताल एक मृत्यु घर के रूप में (Hospital as a deathhouse) –

इस चरण में विशेषज्ञ चिकित्सक अस्पतालों से जुड़ने लगे थे लेकिन अस्पतालों में उच्च तकनीको का अभाव था। गरीब बीमार लोग अस्पताल मे भर्ती होने के लिए आने लगे थे लेकिन  अस्पताल मे अव्यवस्था थी संक्रमित लोग और गैर संक्रमित बीमार लोग एक साथ रहते थे जिससे संक्रमण फैलने लगा और लोग मरने लगे। चिकित्सक भी बचाने मे असमर्थ रहते थे। जबकि लोग यहाँ स्वस्थ होने के लिए आते थे।इसलिए इस चरण मे लोग इसे death house के रुप मे देखते थे।

4)अस्पताल चिकित्सक प्रौद्योगिकी के केंद्र के रूप में (Hospital as center of medical technology) – 

19वी शताब्दी के अंत तक अस्पताल की एक नई छवि विकसित हुई जहां सभी सामाजिक वर्गों के व्यक्ति उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल प्राप्त कर सकते थे और अपने विकारों को ठीक होने की उम्मीद कर सकते थे । चिकित्सा प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ अस्पताल में संक्रमण को कम करने के लिए एंटीसेप्टिक उपायों का भी प्रयोग किया जाने लगा । अस्पतालों को न केवल ठीक से साफ और हवादार किया गया बल्कि अस्पताल के विशेष क्षेत्रों में संक्रामक रोगों के रोगियों को अलग कर दिया गया था और अस्पताल के कर्मचारियों को इन रोगियों के साथ काम करने के बाद अपने हाथ धोने पर ध्यान दिया गया । सर्जिकल मास्क रबर के दस्ताने सर्जिकल उपकरणों जैसी वस्तुओं का प्रयोग किया जाने लगा । अस्पतालों में प्रशिक्षित नर्स प्रयोगशाला तकनीशियन विशिष्ट कौशल के चिकित्सक की नियुक्ति की जाने लगी । बीसवीं सदी में अस्पताल जो स्वास्थ्य और बीमारी से निपटने के लिए समाज में उपलब्ध प्रमुख संस्थागत संसाधन बन गया ।

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#Sociology of Health and Illness 


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