सामाजिक आंदोलन मे नेतृत्व की भूमिका (Role of Leadership in Social Movement)
नेतृत्व और आंदोलन (Leadership and Movement)
नेतृत्व और आंदोलन में घनिष्ठ संबंध है। नेतृत्व आंदोलन का एक भाग है। नेतृत्व सामाजिक आंदोलन की उत्पत्ति के साथ-साथ उन्हें बनाए रखने में भी योगदान करता है। कोई भी आंदोलन हो एक नेता द्वारा ही आकार दिया जाता है। नेता आंदोलन के मुद्दों को स्पष्ट करने में मदद करते हैं और मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। नेतृत्व आंदोलन को लोगों का एक हताश और अनियंत्रित संग्रह बनने से रोकता है। एक आंदोलन भीड़ में बदल सकता है अगर उसके पास कोई नेता ना हो । नेतृत्व का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि प्रतिभागियों के विचारों को स्पष्ट करने और विचारों को संगठित तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास करता है ।
नेतृत्व दो तरफा प्रक्रिया है – एक ओर जहां नेता स्थिति और इसमें शामिल मुद्दों को अपनी समझ के अनुसार नेतृत्व करने का प्रयास करता है । दूसरी ओर नेता प्रतिभागियों के विचारों को शामिल करता है और उन्हें इस प्रक्रिया में व्यक्त करता है । आंदोलन में स्थिर नेतृत्व को सुनिश्चित करने के लिए दोनों पहलू मौजूद होने चाहिए । यदि कोई नेता प्रतिभागियों के विचारों को ध्यान में रखें बिना अपने विचारों को थोपने की कोशिश करता है तो आंदोलन के बिगड़ने की संभावना है ।इसी तरह की स्थिति तब होगी जब नेतृत्व पूरी तरह से प्रतिभागियों के विचारों पर निर्भर रहता है बिना स्वयं के विचार को व्यक्त किए ।इस तरह हम देख सकते हैं कि एक सामाजिक आंदोलन को विकसित करने और आकार देने में मदद के लिए नेतृत्व आवश्यक है । साथ ही आंदोलन की सफलता और असफलता भी काफी हद तक नेतृत्व पर निर्भर करती है ।
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