#B ed शिक्षा मनोविज्ञान नोट्स
शिक्षा मनोविज्ञान
शिक्षा मनोविज्ञान की उत्पत्ति ( Educational Psychology ) : –
शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की एक अत्यंत महत्वपूर्ण शाखा है जिसकी उत्पत्ति सन् 1900 से मानी जाती है।
एडवर्ड ली थार्नडाइक शैक्षिक मनोविज्ञान के जनक हैं। सन् 1900 में उन्होंने ‘द जर्नल ऑफ़ एजुकेशनल साइकोलॉजी’ शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया था ।
अर्थ –
शिक्षा मनोविज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है ‘शिक्षा’ और ‘मनोविज्ञान’ । इसका शाब्दिक अर्थ है- ‘शिक्षा सम्बन्धी मनोविज्ञान’ । अतः शिक्षा मनोविज्ञान व्यवहारात्मक मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसमें मनोविज्ञान विषय के नियम सिद्धांत एवं क्रियाविधि आदि को शिक्षा के क्षेत्र में काम में लाने का प्रयत्न किया जाता है । दूसरे शब्दों में यह विषय है जिसमें विद्यार्थी के व्यवहार का शैक्षिक वातावरण के संदर्भ में अध्ययन किया जाता है । अर्थात् विद्यार्थी शैक्षिक वातावरण में सीखता कैसे है तथा शैक्षणिक क्रियाकलाप अधिक प्रभावी कैसे बनाये जा सकता है । इस तरह इस शाखा का संबंध शैक्षिक प्रक्रियाओं में मनोविज्ञान के प्रयोग से है |
शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाएँ (DEFINITIONS OF EDUCATIONAL PSYCHOLOGY)
शिक्षा मनोविज्ञान के सम्बन्ध में विद्वानों के द्वारा व्यक्त की गई कुछ परिभाषाएँ निम्नवत् हैं-
क्रो एवं क्रो के अनुसार, “शिक्षा मनोविज्ञान, व्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक के सीखने के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है।”
“Educational Psychology describes and explains the learning experiences of an individual from birth through old age.” –Crow and Crow
चार्ल्स ई. स्किनर के अनुसार, “शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है।”
“Educational Psychology studies the human behaviour in educational circumstances.”
–C.E. Skinner
सैन्ट्रोक के अनुसार, “शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की ऐसी शाखा है जो शैक्षिक परिस्थितियों में शिक्षण एवं अधिगम के बोध में विभिन्नता दिखलाता है। “
“Educational Psychology is the branch of Psychology that special in understanding teaching and learning in the educational settings.” –Santroak
प्रो. ट्रो के अनुसार, “शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा संस्थानों के मनोवैज्ञानिक तत्वों का अध्ययन करता है।”
“Educational Psychology is the study of the Psychological aspects of educational situations.”- Prof Trow
पील के अनुसार – “शैक्षिक मनोविज्ञान शिक्षा का विज्ञान है”।
शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति (Nature of Educational Psychology)
•• शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक(scientific) होती है। क्योंकि शैक्षिक वातावरण में अधिगमकर्ता (Learner) के व्यवहार का वैज्ञानिक विधियों, नियमों तथा सिद्धांतों के माध्यम से अध्ययन किया जाता है।
•• यह विधायक (Constitative) और नियामक (Regulative ) दोनों प्रकार का विज्ञान है। विधायक विज्ञान तथ्यों (Facts) पर जबकि नियामक विज्ञान मुल्यांकन (assessment) पर आधारित होता है।
•• शिक्षा का स्वरूप संश्लेषणात्मक (Synthetic ) होता है, जबकि शिक्षा मनोविज्ञान का स्वरूप विश्लेषणात्मक (analytic) होता है।
•• शिक्षा मनोविज्ञान एक वस्तुपरक विज्ञान(Material science) है।
•• शिक्षा मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान (Science of behavior) क्योंकि इसमें शैक्षणिक परिस्थिति के अंतर्गत बालक के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।
•• शैक्षणिक परिस्थितियों के अंतर्गत बालक के व्यवहार का अध्ययन करना ही शिक्षा मनोविज्ञान की विषय वस्तु (theme) है।
•• शिक्षा मनोविज्ञान का सीधा संबंध शिक्षण में अधिगम क्रियाकलापों से है।
शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र
(Scope or Field of Educational Psychology)
शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र में निम्नांकित पक्षों की व्याख्या यहाँ की गई है:-
1. शिक्षा और मनोविज्ञान ( Education and Psychology ) – शिक्षा-विज्ञान अपने क्षेत्र के अन्तर्गत शिक्षा तथा मनोविज्ञान से सम्बद्ध अनेक बातों का अध्ययन करता है। शिक्षा किसे कहते हैं, शिक्षा के क्या उद्देश्य हैं, शिक्षा में मनोविज्ञान की क्या आवश्यकता है? इन सारी बातों का अध्ययन शिक्षा मनोविज्ञान करता है।
2. शारीरिक विकास ( Physical growth ) — बालक के शारीरिक विकास का अध्ययन भी शिक्षा मनोविज्ञान अपने क्षेत्र के अन्तर्गत करता है। कारण यह है कि शिक्षण तथा शारीरिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं में गहरा संबंध होता है। विकास क्रम में कौन-कौन से शारीरिक परिवर्तन होते हैं, उनका प्रभाव शिक्षण पर क्या पड़ता है, लड़कों तथा लड़कियों के शारीरिक विकास में क्या अन्तर है, ज्ञानात्मक (sensory ). क्रियात्मक ( motor) आदि विकासों पर किन-किन बातों का असर पड़ता है, इन सारी समस्याओं का समाधान शिक्षा मनोविज्ञान अपने क्षेत्र के अन्तर्गत करता है।
3. संवेगात्मक विकास (Emotional development) बालकों में संवेग का विकास किस प्रकार और किस स्थिति विशेष में होता है, संवेगात्मक अस्थिरता के क्या कारण हैं, संवेगात्मक विकास तथा शिक्षा में क्या सम्बन्ध है, इन सारे प्रश्नों का उत्तर शिक्षा मनोविज्ञान अपने अध्ययन-क्षेत्र में देता है।
4. मानसिक विकास ( Mental development ) — शिक्षा मनोविज्ञान बालक की विभिन्न मानसिक योग्यताओं के विकास का अध्ययन करता है। बालक का बौद्धिक विकास ( intellectual development) कैसे होता है, बौद्धिक योग्यता को कैसे मापते हैं, शिक्षा से इसका क्या सम्बन्ध है, इन सारी बातों का अध्ययन शिक्षा मनोविज्ञान करता है। इसी तरह स्मरण, कल्पना, चिन्तन, तर्क या विवेक ( reasoning) आदि विकासों का अध्ययन भी इस मनोविज्ञान के अन्दर ही है।
5. सीखने की प्रक्रिया ( Learning process ) — बालकों के सीखने से सम्बद्ध विभिन्न प्रक्रियाओं का अध्ययन शिक्षा मनोविज्ञान अपने क्षेत्र के अन्दर करता है। सीखना तथा परिपक्वता में क्या सम्बन्ध है, सीखने के कौन-कौन सिद्धान्त हैं, सीखने के क्या नियम ( laws) हैं, सीखने को किस प्रकार सहज तथा प्रभावशील बनाया जा सकता है, इन सभी बातों का अध्ययन यह अपने क्षेत्र के अन्तर्गत करता है।
6. व्यक्तित्व समायोजन (Personality adjustment) — शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र में व्यक्तित्व- समायोजन का अध्ययन भी शामिल है। व्यक्तित्व समायोजन से क्या तात्पर्य है, किन-किन कारणों से बच्चे कुसमायोजित (maladjusted) हो जाते हैं, बालक के समुचित चरित्र एवं व्यक्तित्व विकास में शिक्षक कहाँ तक सहायक हो सकते हैं, इन सारी बातों का अध्ययन शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र के भीतर ही है।
7. निर्देशन ( Guidance ) – शिक्षा मनोविज्ञान के अन्दर वैयक्तिक, शैक्षणिक तथा व्यावसायिक निर्देशनों का भी अध्ययन किया जाता है। किसी शिक्षार्थी के लिए कौन-सी शिक्षा उपयुक्त होगी तथा कौन-सा व्यवसाय अनुकूल होगा, इसके लिए शिक्षा मनोविज्ञान मार्गदर्शन करता है।
8. विशिष्ट प्रकार के बालक ( Special types of children ) – विशिष्ट बालकों से क्या तात्पर्य है, इनकी कौन-कौन सी शैक्षणिक समस्याएँ हैं, इनकी समुचित शिक्षा की क्या व्यवस्था होगी, इन सारी बातों का अध्ययन शिक्षा मनोविज्ञान अपने क्षेत्र के अन्तर्गत करता है। इसकी पूर्ण व्याख्या स्थल- विशेष पर की जाएगी। (देखें अध्याय 26)
9.असामाजिक बालक (Anti-social children) — शिक्षा मनोविज्ञान अपराधी बालको ( delinquents ) तथा समस्या – बालकों (problem children) का भी अध्ययन करता है। बच्चे समस्यामूलक या बाल अपराधी क्यों बन जाते हैं, ऐसे बालकों की शिक्षा तथा इनके अभियोजन के लिए किन-किन उपायों पर अमल करना होगा, इन सारी बातों का अध्ययन हम शिक्षा मनोविज्ञान के अन्तर्गत करते हैं।
10. सामाजिक विकास ( Social development ) — शिक्षा का उद्देश्य बालकों को आदर्श नागरिक बनाना है। इसके लिए उनका समाजीकरण आवश्यक है। अतः शिक्षा- मानवविज्ञान अपने क्षेत्र के अन्तर्गत समाजीकरण से सम्बद्ध सारे तत्त्वों का अध्ययन करता है तथा बालकों के लिए समुचित सामाजिक विकास के लिए उचित उपायों पर प्रकाश डालता है।
11. मूलप्रवृत्तियाँ ( Instincts ) — बालक में विभिन्न प्रकार की मूलप्रवृत्तियाँ पायी जाती हैं। शिक्षा की दृष्टि से इनका समुचित उन्नयन ( sublimation) करना अतिआवश्यक है। अतः शिक्षा मनोविज्ञान मूलप्रवृत्तियों के उन्नयन के विभिन्न तरीकों का वर्णन करता है और इस आधार पर शिक्षा को सफल बनाने का प्रयास करता है।
12. मूल्यांकन ( Evaluation ) — शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र के अन्तर्गत शैक्षिक उपलब्धियों के विविध तरीकों का हम अध्ययन करते हैं और उनके गुणों तथा अवगुणों से अवगत हो पाते हैं। विशेष रूप से लेख सम्बन्धी मापन ( essay type test) तथा वस्तुनिष्ठ मापन (objective type test) के गुणों तथा अवगुणों का अध्ययन शिक्षा मनोविज्ञान अपने क्षेत्र के भीतर करता है।
13. शिक्षा में सांख्यिकी (Statistics in education) — शिक्षा में सांख्यिकी की क्या आवश्यकता है, सांख्यिकी के कितने अंग हैं, उनसे शिक्षा जगत् कहाँ तक लाभान्वित हो रहा है, इन सारी बातों का अध्ययन हम शिक्षा मनोविज्ञान के अन्तर्गत करते हैं।
14. शिक्षक ( Teachers ) — शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र के अन्तर्गत शिक्षक का अध्ययन शायद सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। जिस तरह सफल चालक के बिना गाड़ी का संचालन सफल नहीं हो सकता, उसी तरह योग्य एवं निपुण शिक्षक के बिना सफल शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती। अतः शिक्षण का अभिप्राय क्या है, निपुण शिक्षक बनने के लिए किन- किन बातों पर अमल करना होगा, इन सबका अध्ययन शिक्षा मनोविज्ञान करता है।
15. अनौपचारिक शिक्षा (Informal education) — शिक्षा मनोविज्ञान का सम्बन्ध अनौपचारिक शिक्षा से भी है। सफल शिक्षा के लिए घर का वातावरण कैसा हो, खेल का मैदान कैसा हो, पुस्तकाल का प्रबन्ध कैसा हो, इन सबका अध्ययन भी हम शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र के अन्तर्गत करते हैं।
इस प्रकार हम पाते हैं कि शिक्षा मनोविज्ञान का क्षेत्र काफी व्यापक है।
शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ
शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाएँ
शिक्षा मनोविज्ञान क्या है समझाइए?
शैक्षिक मनोविज्ञान की खोज किसने की?
शिक्षा मनोविज्ञान किसका विज्ञान है?
शिक्षा मनोविज्ञान की शुरुआत कब हुई?
शैक्षिक मनोविज्ञान के प्रथम पिता कौन है?
शिक्षा मनोविज्ञान का केंद्र क्या है?
शिक्षा मनोविज्ञान नोट्स
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शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति
शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र