सामाजिक नियंत्रण अर्थ, परिभाषा और प्रकार|Social control in hindi

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सामाजिक नियंत्रण अर्थ, परिभाषा और प्रकार 

सामाजिक नियंत्रण अर्थ, परिभाषा और प्रकार




समाजिक नियंत्रण का अर्थ –

सामाजिक सम्बन्धों की व्यवस्था समाज है। व्यक्ति इसका मूल निर्मायक अंग है। व्यवस्था शब्द अनुशासन का प्रतीक तथा व्यक्तियों के परस्पर सम्बन्धों को मर्यादित और नियमानुकूल बनाये रखने का साधन है। इसी की आपूर्ति करने वाला नियन्त्रण सामाजिक नियन्त्रण कहलाता है जिसके अन्तर्गत व्यक्ति की सारी क्रियाएँ गठित एवं संयमित होती रहती हैं। दूसरे शब्दों में सामाजिक नियंत्रण में वे सब तत्व सम्मिलित हैं जो मानव- व्यवहार को एक निश्चित दिशा और गति प्रदान करने के लिये काम में लाये जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि समाजशास्त्र में सर्वप्रथम ई ए रॉस ने 1901 में “The social control” मे इस शब्दावली का प्रयोग किया।

उन्होंने अपनी पुस्तक में सामाजिक नियंत्रण के 35 साधन बताए है।

रॉस के बाद 1902 में चार्ल्स कूले ने अपनी पुस्तक “Human nature and social order” में सामाजिक नियंत्रण का वर्णन किया।

परिभाषायें (Definitions) – 

सामाजिक नियन्त्रण की विभिन्न परिभाषाएँ समाजशास्त्रियों ने दी हैं-

(1) आगबर्न एवं निमकॉफ – “किसी समाज द्वारा डाले गये दबाव के उस प्रतिमान को सामाजिक नियन्त्रण कहा जाता है, जिसके द्वारा व्यवस्था एवं स्थापित नियमों को बनाये रखने का प्रयत्न किया जाता है। “


2) मैकाइवर एवं पेज -“सामाजिक नियन्त्रण का अभिप्राय उस ढंग से है जिसके द्वारा सम्पूर्ण सामाजिक व्यवस्था प्रतिबन्धित एवं सम्बन्धित रहते हुए एक परिवर्तनशील संतुलन के रूप में क्रियाशील रहती है।


(3) लैण्डिस – “सामाजिक नियन्त्रण एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा सामाजिक व्यवस्था को (i) स्थापित एवं (ii) बनाए रखा (Maintained) जाता है।”


(4 ) रॉस-“सामाजिक नियन्त्रण उन पद्धतियों की एक व्यवस्था है जिसके द्वारा समाज अपने सदस्यों को मान्य व्यवहार प्रतिमानों के अनुरूप लाते हैं।”

सामाजिक नियंत्रण के प्रकार

•• चार्ल्स कूले ने अपनी पुस्तक “Human Nature And Social Order” में दो प्रकार के सामाजिक नियंत्रण बताए हैं –
1) चेतन नियंत्रण
2) अचेतन नियंत्रण

•• एल एल बर्नार्ड ने भी वही दो प्रकार के सामाजिक नियंत्रण बताए है जो कूले ने बताया था।

1) चेतन नियंत्रण
2) अचेतन नियंत्रण

•• कार्ल मैनहीम ने अपनी पुस्तक “Mind And Society” मे सामाजिक नियंत्रण के दो प्रकार बताये है –

1) प्रत्यक्ष सामाजिक नियंत्रण
2) अप्रत्यक्ष सामाजिक नियंत्रण

•• किम्बाल यंग ने दो प्रकार के सामाजिक नियंत्रण बताये है –

1) सकारात्मक सामाजिक नियंत्रण
2) नकारात्मक सामाजिक नियंत्रण

•• गुरविच तथा मूरे ने 3 प्रकार के सामाजिक नियंत्रण बताये है 

1) नियोजित सामाजिक नियंत्रण
2) अनियोजित सामाजिक नियंत्रण
3) स्वतः सामाजिक नियंत्रण

•• लापीयर ने 2 प्रकार के सामाजिक नियंत्रण बताये है –

1) राजतंत्रीय या सत्तावादी सामाजिक नियंत्रण
2) लोकतंत्रीय या प्रजातत्रीय सामाजिक नियंत्रण

•• प्रो हेज ने 2 प्रकार के सामाजिक नियंत्रण बताये है –

1) शांति द्वारा नियंत्रण
2) शिक्षा और समाजीकरण द्वारा नियंत्रण

•• लुम्ले ने 2 प्रकार के सामाजिक नियंत्रण बताये है –

1) शारीरिक शक्ति विधि
2) मानवीय प्रतीक विधि

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