शिक्षण मशीन का अर्थ,विशेषताएं| shikshan machine ka arth,vishestayen

Spread the love

शिक्षण मशीन का अर्थ और विशेषताएं

शिक्षण मशीन का अर्थ,विशेषताएं| shikshan machine ka arth,vishestayen
शिक्षण मशीन के प्रणेता प्रो. एस. एल. प्रेसी तथा प्रथम प्रयोगकर्ता डॉ. बी. एफ. स्किनर हैं। शिक्षण मशीन एक ऐसी यांत्रिक विद्युत युक्ति है जो शिक्षण प्रकरण को पूर्व निश्चित क्रम में प्रस्तुत करती है।

इस मशीन द्वारा छात्रों को प्रश्नों के उत्तर देने के लिए अवसर प्रदान किये जाते हैं तथा तत्काल ही उसे ‘फीडबैक’ (प्रतिपुष्टि) प्रदान की जाती है। शिक्षण मशीन का संचालन स्वयं शिक्षणकर्ता/छात्र के द्वारा किया जाता है।

शिक्षण मशीन की विशेषताएं

शिक्षण मशीन की विशेषताएं निम्नलिखित है –

1. योजनाबद्ध सामग्री को पर्याप्त रूप से श्रृंखलाबद्ध करके प्रस्तुत किया जाता है।

2. यांत्रिक उपकरणों का उपयोग एक निश्चित विचार के पूर्ण ग्रहण किये जाने के परीक्षण के लिए किया जाता है।

3. प्रत्येक विद्यार्थी अपने ही गति से पाठ्य सामग्री को ग्रहण करता हुआ चलता है।

4. शिक्षकों को कुछ सीखने और परीक्षण करने की क्रियाओं से छुटकारा मिल जाता है।

5. विद्यार्थी नकल नहीं कर सकता। वह उत्तर पहले से ही नहीं देख पाता।

6. विद्यार्थी आगे बढ़ने से पहले ही अपनी त्रुटियों को सुधार लेता हैं।

7. विद्यार्थी को अपने कार्य में प्रगति करने का ज्ञान तुरन्त मिल जाता है और इस प्रकार उसे प्रेरणा मिलती है।

शिक्षण मशीनों के प्रकार

शिक्षण मशीनें दो प्रकार की होती हैं –

1. बहुचयन मशीन

2. रचित उत्तरयुक्त मशीन

1. बहुचयन मशीन :

शिक्षण मशीन छात्रों को स्व – अध्ययन करने के अवसर प्रदान करती है। छात्र इसमें अपनी गति के अनुसार ज्ञान प्राप्त करता है। यह व्यक्तिगत तथा सामूहिक दोनों प्रकार के शिक्षण के लिए उपयोगी है।

इस प्रकार की मशीनों में प्रत्येक प्रश्न के लिए कई उत्तर दिये होते हैं। छात्रों को सही/सर्वोत्तम उत्तर का चयन करना होता है ।

2. रचित उत्तरयुक्त मशीन : सामान्यतः यह चार प्रकार की होती हैं –

(a) ग्लाइडर मशीन – इसका विकास स्किनर ने किया था। इसमें प्रकरण या प्रश्न प्रस्तुत किये जाते हैं और छात्रों को सही उत्तर देने के लिए ग्लाइडर को संचालित करना होता है |

(b) डिस्क मशीन – इसमें एक बड़े पेपर पर Programmed Learning Material छपा हुआ होता है । प्रश्नों के प्रदर्शन हेतु डिस्क को घुमाया जाता है । छात्र अपना उत्तर मशीन के पेपर टेप पर लिखकर देते हैं।


(c) टाइपराइटर मशीन – इस मशीन में कम्प्यूटर से जुड़ा टाइपराइटर होता है, जिसका प्रयोग करके छात्र प्रश्नों के उत्तर देते हैं । कम्प्यूटर दिये गये उत्तर की जाँच करता है और छात्रों को बताता है कि उनका उत्तर सही है या नहीं। इसी प्रकार यह कार्य करता चला जाता है ।

(d) श्रव्य – दृश्य संयोग मशीन – इस प्रकार की मशीनों में टेप – रिकॉर्डर तथा टेलीविजन सैट का प्रावधान होता है । ये मशीनें अन्य प्रकार की मशीनों की तुलना में ज्यादा महँगी, पर ज्यादा उपयोगी होती हैं।

Read Also-

भाषा प्रयोगशाला – अर्थ,विशेषताएं, महत्व,लाभ,दोष

शैक्षिक टेलीविजन कार्यक्रमों और सॉफ्टवेयर के उत्पादन में सी.आई.ई.टी की भूमिका

अध्यापक निर्मित एंव प्रमापीकृत या मानकीकृत परीक्षण अर्थ, विशेषताएं और अन्तर

मस्तिष्क उद्वेलन/ मस्तिष्क हलचल विधि/ मस्तिष्क विप्लव-अर्थ, विशेषताएं, सोपान,गुण,दोष

Meaning,Nature and Scope of Educational Psychology 

विद्यालय प्रबंधन का अर्थ और कार्य

ओवर हेड प्रोजेक्टर – संरचना, कार्यप्रणाली, शैक्षिक उपयोगिता,सीमाएं


Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top