Success Story in Hindi – 28 लाख की नौकरी छोड़ पहले प्रयास में बने IAS

Success Story in Hindi - 28 लाख की नौकरी छोड़  पहले प्रयास में बने IAS
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आज इस पोस्ट में हम आईएएस अधिकारी आयुष गोयल की  Success Story in Hindi के बारे में बताएंगे। बहुत से छात्र छात्राएं UPSC के लिए तैयारी करते और कई विद्यार्थियों को एक बार में सफलता नहीं मिलती है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए UPSC Motivational Story in Hindi,UPSC Success Story लाए है ताकि उनको प्रेरणा मिले।

IAS Ayush Goel UPSC Success Story in Hindi
IAS Ayush Goel UPSC Success Story in Hindi

IAS Ayush Goel UPSC Success Story in Hindi

आयुष गोयल आज आईएएस अधिकारी हैं, और उनके इस सफर में उनकी मेहनत, लगन और रिस्क लेने की हिम्मत का सबसे बड़ा योगदान है। आयुष गोयल की सफलता की कहानी सच में एक प्रेरणा है, जिसमें उन्होंने अपने सपनों को हासिल करने के लिए बहुत बड़ा रिस्क लिया और कड़ी मेहनत से अपनी मंजिल को पाया। यहां उनका सफर और संघर्ष है:

पारिवारिक स्थिति और शुरुआती संघर्ष

आयुष गोयल के पिता, सुभाष चंद्र गोयल, दिल्ली में एक किराना स्टोर चलाते थे। उनका जीवन साधारण था, लेकिन उनके बेटे की सफलता के लिए उन्होंने अपने जीवन को भी समर्पित किया था। आयुष ने अपनी पढ़ाई में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया था, और आईआईएम कोझीकोड से एमबीए की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने जेपी मॉर्गन जैसी बड़ी कंपनी में नौकरी भी जॉइन कर ली थी।

आयुष गोयल के पिता जी उनके नौकरी के लिए 20 लाख का लोन लिया था। कुछ समय बाद ही आयुष गोयल को सालाना 28 लाख रुपए का पैकेज मिलने के बाद, परिवार को लगा कि अब उनका लोन जल्दी चुकता हो जाएगा और वे आराम से जीवन बिता सकते हैं। लेकिन आयुष के मन में कुछ और ही था।

नौकरी से इस्तीफा और यूपीएससी की ओर कदम

आयुष ने महज सात महीने बाद ही जेपी मॉर्गन से इस्तीफा दे दिया। इस फैसले ने उनके परिवार को चौंका दिया, क्योंकि 28 लाख के पैकेज वाली नौकरी छोड़ने का मतलब था काफी बड़ा जोखिम। उनके पिता, जो पहले ही बैंक से 20 लाख का लोन चुका रहे थे, इस निर्णय से चिंता में थे। लेकिन आयुष ने अपने परिवार को बताया कि उनका सपना सिविल सेवा में जाने का है और इसके लिए वह यूपीएससी की तैयारी करेंगे। हालांकि परिवार को यह रिस्क बहुत बड़ा लगा, फिर भी आयुष के पिता ने उनका पूरा साथ दिया।

10-12 घंटे की सेल्फ स्टडी से तैयारी

आयुष ने किसी भी कोचिंग संस्थान से मदद नहीं ली। उन्होंने घर पर रहकर ही 10 से 12 घंटे सेल्फ स्टडी की। यूपीएससी के लिए उन्होंने किताबें और इंटरनेट पर उपलब्ध वीडियोस से ज्ञान प्राप्त किया और खुद के नोट्स तैयार किए। उनका एक ही लक्ष्य था – पूरी मेहनत और समर्पण के साथ यूपीएससी परीक्षा पास करना। उनके इस समर्पण और लगन ने ही उन्हें सफलता दिलाई।

2022 में पहले प्रयास में सफलता

आयुष ने 2022 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। उन्होंने प्री परीक्षा पास की और फिर मेंस का रिजल्ट भी शानदार रहा। इंटरव्यू के लिए बुलाए जाने पर आयुष ने आत्मविश्वास के साथ इसका सामना किया और अंत में, उन्होंने यूपीएससी की मेरिट लिस्ट में 171वीं रैंक हासिल की। यह न केवल आयुष के लिए, बल्कि उनके परिवार के लिए भी गर्व का पल था। सुभाष चंद्र गोयल को राहत मिली कि उनके बेटे ने जो जोखिम लिया था, वह सही साबित हुआ और लोन चुकाने की चिंता दूर हो गई।

शुरू से ही उच्च प्रदर्शन

आयुष का सफर शुरुआत से ही प्रेरणादायक था। उन्होंने 10वीं कक्षा में 91.2% और 12वीं में 96.2% अंक हासिल किए थे। इसके बाद, उन्होंने आईआईएम कोझीकोड से एमबीए किया और इसके बाद ही उन्होंने जेपी मॉर्गन में नौकरी प्राप्त की। उनके जीवन में हर कदम पर उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें सफलता दिलाई।

तैयारी की रणनीति

  1. सिलेबस और टाइम टेबलः आयुष ने यूपीएससी के सिलेबस को समझकर एक ठोस टाइम टेबल तैयार किया। उन्होंने समय का सही उपयोग करते हुए हर विषय को अच्छे से कवर किया।
  2. नोट्स बनानाः उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान खुद के नोट्स बनाए, जिससे उन्हें किसी भी विषय को समझने में आसानी हो।
  3. समाजिक जागरूकताः वे हमेशा समाजिक मुद्दों और समसामयिक घटनाओं पर ध्यान रखते थे, ताकि उनके पास यूपीएससी में पूछे जाने वाले सवालों का सही उत्तर हो।
  4. मॉक टेस्ट और रिवीजनः आयुष नियमित मॉक टेस्ट देते थे और अपनी गलतियों से सीखते थे। वे बार-बार रिवीजन करते थे ताकि किसी भी जानकारी को भूलने न पाएं।

सफलता की कहानी

आयुष गोयल ने 2018 में UPSC परीक्षा में सफलता हासिल की और ऑल इंडिया रैंक 43 प्राप्त की। उनकी मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन ने उन्हें सफलता दिलाई। उनकी सफलता की कहानी यह बताती है कि यदि किसी में आत्मविश्वास और सही दिशा में मेहनत करने की क्षमता हो, तो कोई भी कठिनाई उसे रोक नहीं सकती।

प्रेरणा

आयुष गोयल की कहानी यह सिखाती है कि सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए जोखिम उठाना जरूरी है। यदि आप किसी काम के लिए समर्पित हैं, तो सफलता जरूर मिलती है। आयुष ने दिखा दिया कि सही दिशा में कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ कोई भी मुश्किल पार की जा सकती है। उनका सफर उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

आयुष गोयल की सफलता यह साबित करती है कि असफलता सिर्फ एक रास्ता है, जो हमें हमारी मंजिल तक पहुँचने के लिए और मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है। उनका यह मानना था कि “कड़ी मेहनत और सही दिशा में प्रयास से हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।”उनकी सफलता की कहानी उन सभी उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा है जो यूपीएससी या किसी भी अन्य प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाने की कोशिश कर रहे हैं।


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