दुनिया का इकलौता स्थान जहां है पांच नदियों का संगम
दुनिया में दो नदियों के संगम तो कई स्थानों पर देखने को मिले है जबकि तीन नदियों का संगम प्रयागराज (इलाहबाद) में स्थित है जोकि दुनिया भर में धार्मिक दृष्टि से प्रसिद्ध है। इस संगम में माघ मेला और कुंभ मेला लगता है जिसमे विश्व भर के लोग शामिल होते है।
लेकिन क्या आप जानते है कि विश्व भर में एक ऐसा स्थान भी है जहां पांच नदियों का संगम है अर्थात् उस स्थान पर पांच नदियां आकर मिलती है।
तो चलिए हम उस इकलौते पांच नदियों के संगम के बारे में जानते है।
उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के जालौन जनपद में एक ऐसा स्थान है जो दुनिया भर में अनूठा है। यहां स्थित ‘‘ पंचनद” पर 5 नदियों का संगम होता है। यह भौगोलिक के साथ साथ धार्मिक और सांस्कृतिक द्दष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
यूपी के जालौन जिले में स्थित पंचनद दुनिया का इकलौता स्थान है जहां पांच नदियों का संगम है। पंचनद में यमुना, चम्बल, सिंध, पहुज, क्वांरी नदियां बहती हैं।पंचनद को महा तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता हैं.
विभिन्न ग्रन्थों व पुराणों में पंचनद स्थल का वर्णन है लेकिन दुर्गम वनों के बीच स्थित होने के कारण सुगमता के अभाव में यह स्थान वह प्रसिद्धि नहीं पा पाया जो इसे मिलनी चाहिए थी।
पांच नदियों के संगम पंचनद पर बाबा साहब का मन्दिर है। बाबा साहब यानि मुचकुंद महाराज गोस्वामी तुलसीदास के समकालीन थे और इतने सिद्ध संत थे कि उनकी व्यापक ख्याति के कारण स्वयं तुलसीदास भी उनसे मिलने पहुंचे थे।
मंदिर की सेवा में लगे पुजारी और आसपास के लोगों का कहना है यहां पर मुचकुंद महाराज तपस्या के दौरान एक गुफा में विलीन हो गए थे और उनका शरीर आज तक किसी को नहीं मिला। फिलहाल, मंदिर परिसर में उनके पैरों की पूजा की जाती है, लेकिन वहां पर रहने वाले आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि महाराज कभी-कभी दर्शन देते हैं। वहीं, यहां के इतिहासकारों का मानना है कि मंदिर के 40 से 50 किलोमीटर के दायरे में कभी ओलावृष्टि नहीं होती है।
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