सीटीईटी और टीईटी परीक्षा के लिए पर्यावरण अध्ययन पर पूर्ण नोट्स

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#सीटीईटी और टीईटी परीक्षा के लिए पर्यावरण अध्ययन पर पूर्ण नोट्स

Class 3rd, 4th & 5th सम्पूर्ण NCERT CTET/UPTET पर्यावरण अध्ययन नोट्स Part-2 घरों के प्रकार (Type of Houses )


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सीटीईटी और टीईटी परीक्षा के लिए पर्यावरण अध्ययन पर पूर्ण नोट्स

सीटीईटी और टीईटी परीक्षा के लिए पर्यावरण अध्ययन पर पूर्ण नोट्स

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घरों के प्रकार (Type of Houses )


1. असम के मकान/ Houses of Assam

• हमारे घर जमीन से लगभग दस से बारह फुट ऊँचे बने होते हैं।

Our houses are made almost ten to twelve feet above the ground. 

• इन्हें मजबूत बाँस के खंभों पर बनाते हैं।

They are made on strong bamboo pillars.

• ये घर अंदर से भी लकड़ी के ही बने होते है।

The insides of our houses are also made of wood.

सीटीईटी और टीईटी परीक्षा के लिए पर्यावरण अध्ययन पर पूर्ण नोट्स

2. मनाली के मकान/ Houses of Manali

• मनाली जो एक पहाड़ी इलाका है।

 Manali which is a hilly area,

• हमारे यहाँ भी बारिश बहुत होती है और बर्फ भी पड़ती है।

At our place it rains heavily and snows as well.

• हमारे मकान पत्थर या लकड़ी से बनते हैं।

Our house are made of stone or wood.

3. लेह के मकान / Houses of Leh

• लेह में मकान के नीचे की मंजिल में खिड़की नहीं होती है।

The floor below the house in leh does not have a window. 

• छत को मजबूत करने हेतु पेड़ों के मोटे तने इस्तेमाल किए जाते हैं।

Thick shoots of trees are used to strengthen the roof.

• छते समतल होती है।

The roof is flat.

• लेह में मकान में छत घर का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ गर्मियों में फल-सब्जी सुखा ली जाती है क्योंकि ठण्डक में ये नहीं मिलती है।

The roof in the house in Leh is an important part of the house. In summer, fruits and vegetables are dried because they are not available in cold.

• लेह में लोग सर्दियों में नीचे की मंजिल पर रहते है क्योंकि मोटी-मोटी दीवारें लकड़ी के फर्श और लकड़ी छत ठण्ड से बचाती हैं।

In Leh, people stay on the lower floor in winter because thick walls, wooden floors and wooden roofs protect from cold.

चांगपा / Changpu→

•अब मैं चांगथांग इलाके की ओर बढ़ रहा था। लगभग 5000 मीटर की ऊंचाई पर बना यह मैदानी इलाका बिलकुल सुनसान और पथरीला था। इतने बड़े इलाके में सिर्फ 5000 लोग चांगपा घुमतू लोग है।

Now I was moving towards Changthang area. This plain area. built at an altitude of about 5000 meters, was commpletely deserted and rocky. Only 5000 people in such a large area! Changpa are nomadic people.

• इन्हीं जानवरों से इन्हें अपनी जरूरत का सामान मिल जाता है- दूध, मांस, टेंट के लिए चमड़ा, स्वेटर और कोट के लिए ऊन, आदि। भेड़-बकरियाँ ही इनकी सबसे बड़ी पूँजी है। जितनी भेड़-बकरियाँ, उतना ही ऊँचा परिवार।

From these animals they get their necessities milk, meat. leather for tents, wool for sweaters and coats, etc. Sheep and goats are their biggest asset. The more sheep and goats, the higher the family.

• ये अपने टेंटों (तिकोने टेट) को वो कहते हैं। याक के बालों से बुनाई करके चांगपा पट्टियाँ बनाते हैं, जिन्हें मिलकर जोड़ लेते हैं। 

They call their tents (triangle tents) ‘rebo’. Weaving from the yak hair, Changpa make bandages, which are then stitched together.

• रेवो के बीचोंबीच एक खुला छेद था, जहाँ से चूल्हे का धुंआ बाहर जा सके। इनके टेंट का डिजाइन एक हजार साल से भी पुराना था।

There was an open hole in the middle of the ‘rebo, from where the smoke of the stove could go out. The design of their tents was more than a thousand years old. 

• रेबो के पास ही भेड़-बकरियों को रखने के लिए जगह बनी थी। इसे चांगपा लेखा कहते हैं। लेखा की दीवारें पत्थरों और चट्टानों को एक-दूसरे पर बनाते है।

There was a place to keep sheep and goats near Rebo. This is called Changpa Account The walls of the lekhil’ are made by placing stones and rocks on each other.

• हर परिवार अपने जानवरों के झुंड पर पहचान के लिए खास निशान बनाता है। रोज सुबह झुंड को लेखा से बाहर निकालकर गिनकर घराने से जाते हैं। और के काम औरतों और जवान लड़कियों का रोज का काम है।

Every family makes a special mark on their herd of animals for identification. Every morning the herd is taken out of the account counted and taken to pasture. And this work is the daily work of women and young tirs.

दुनिया में मशहूर पशमीना ‘The world famous pashmina

• एक पशमीना शॉल में छः स्वेदयों के बराबर गर्मी होती है इतनी गर्म पर मोटी बिलकुल नहीं।

It is believed that a pashmina shawl is as warms as six sweaters.It is very thin yet very warm.

. मीना बनता है पहाड़ी बकरियों की एक खास नस्त में, जो लगभग 5000 मीटर की ऊंचाई पर रह सकती है। सर्दियों में तापमान 0 सेंटीग्रेड से भी बहुत कम -40 डिग्री सेंटीग्रेड तक चला जाता है।

The goats from which the soft pashmina wool is collected, are found on very high altitudes of 5000 metres. In winter, the temperature here drops below 0°C (-40°C)

• इतनी सर्दी से बचने के लिए बकरियों के शरीर पर बहुत ही बारीक और नाम बाल उग आते हैं, जो गर्मियों में झड़ जाते है बाल बहुत ही पतले होते हैं। इतने पतले कि बकरी के छः बाल मिलाकर तुम्हारे सिर के एक बाल की मोटाई के बराबर होग

A coat of warm hair grows on the goat’s body which protects it from extreme cold. The goats shed some of their hair (for) in summer. This hair is so fine that six of these would be as thick as one hair of youn

• इसीलिए पशमीना शॉलों को मशीनों द्वारा नहीं सुना जा सकता इसकी बुनाई हाथों से करने के लिए खास सुनकर होते है अगर एक बुनकर 250 घंटे बुनाई करे तब जाकर एक साधारण पशमीना शॉल तैयार होती है। इतनी मेहनत सोचो, अगर डिजाइन वाली शील बननी हो तो कितने दिन लगेंगे

The fine hair cannot be woven on machines and so weavers of Kashmir make these shawls by hand. This is a long and difficult process. After almost 250 hours of weaving one plain pashmina shawl is made. Imagine how long it would take to make a shawl with embroidery.

4. राजस्थान के मकान | Houses of Rajasthan

• हमारे यहाँ बारिश बहुत कम होती है और खूब गर्मी पड़ती है।  Rainfall is very scarce in your area. It is very hot

• हम लोग मिट्टी के घरों में रहते है।

  We live in mud houses.

• घरों की दीवारें बहुत मोटी होती हैं। इन दीवारों को मिट्टी से लीप-पोतकर सुंदर बनाया जाता है।

The walls of the houses are very thick. These walls are plastered with mud.

• छते कँटीली झाड़ियों की बनी होती हैं।

 The roofs are made of thorny bushes too.

5. कश्मीर के मकान/ Houses of Kashmir →

• कश्मीर में शिकारा घूमने हेतु तथा हाउस बोट टूरिस्ट हेतु प्रयोग होती है।

In Kashmir, shikara is used for traveling and for house boat tourists.

• हाऊस बोट 80 फुट लम्बाई व 8-9 फुट चौड़ाई के होते हैं।

House boats are 80 feet in lengths and 8-9 feet in width.

• डल लेक व झेलम नदी दोनों श्री नगर में हैं।

Both Dal Lake and Jhelum River are in Sri Nagar.

•हाउसबोट में खास डिजाइन बना होता है जिसे खतमबंद कहते हैं। 

Houseboat has a special design called Khatamband.

•कश्मीर में मकान की खिड़कियाँ बाहर की ओर उभरी होती हैं इन्हें डब कहते हैं। 

In Kashmir, the windows of the house are facing outwards, these are called dub.

6. बकरवाल लोगों के मकान | Houses of Bakarwal Peoples

• बकरवाल लोग लकड़ी व मिट्टी के घरों में रहते हैं। 

The Bakarwal people live in wooden and mud houses.

• ये बकरियाँ चराते हैं।

These goats graze.

7. दुनिया की छत / Roof of the world →

• राख की रस्सी शीर्षक लोककथा तिब्बत से संबंधित है, जिसे दुनिया की छत कहा जाता है। क्योंकि यह बहुत ऊँचे पठार पर स्थित है। 

The Rope of Ashes The title folktale relates to Tibet, which is called the roof of the world because it is situated on a very high plateau.

• तिब्बत की हवा में नमी बहुत कम है। इस वजह से यहाँ बरसात और बर्फवारी कम होती है। खुश्क मौसम में पेड़ पौधे बहुत नहीं होते हैं। तिब्बत का पूर्वी भाग ही ऐसा है जहाँ घने जंगल पाए जाते हैं। उन जंगलों में पेड़ पौधों पशु पक्षियों को दुर्लक्ष किस्में मिलती है।

The humidity in the air of Tibet is very low. Because of this, there is less rain and snowfall here. Tree plants are not many in dry weather. The eastern part of Tibet is the only place where dense forests are found. Tree plants, animals and birds get rare varieties in those forests

• तिब्बत की मिट्टी कहीं रेतीली है, कहीं लाल-पीली तो कहीं काली तिब्बत में लगभग 1500 झीलें है। ये झीलें बनती है पहाड़ों की बर्फ पिघलने से। इनमें मानसरोवर झील का बहुत नाम है। यहीं से सांगपो बानी ब्रह्मपुत्र नदी निकलती है।

The soil of Tibet is sandy somewhere. Somewhere red-yellow and somewhere black. There are about 1500 lakes in Tibet. These lakes are formed by melting the snow of the mountains. Among them, Mansarovar lake has a lot of name. From here the river Sangpo i.e. Brahmaputra originates.

• काफी ऊँचाई पर बसा होने के कारण तिब्बत बहुत ठंडा प्रवेश है। यहाँ की सर्दी का हाल मत पूछो ऐसा लगता है जैसे किसी ने फिल्म में डाल दिया हो और ऊपर से तेज ठंडी हवा चल रही हो। इसीलिए वहाँ के लोग हमेशा भारी भरकम शर्म कपड़े पहने रहते हैं। 

Being situated at a high altitude, Tibet is a very cold inlet. Don’t ask about the winter here. It’s as if someone has put in a fizz and a cold wind is blowing from above. That is why the people there are always wearing heavy shame clothes.

• तानी लोगों की पर बनाने की कारीगरी अनोखी है। यहाँ लकड़ी के बने हुए बहुमंजिला घर लोग अब पत्थर मिट्टी और सीमेंट के पर भी बनाने लगे हैं। खिड़कियाँ भी अधिक बनाई जाती है ताकि सूर्य की ढेर सारी रोशनी घर के अंदर जा सके। भूकंप से बचाव के लिए दीवारें अंदर की ओर थोड़ा झुकी होती है।

The horne-making workmanship of the Tibetan people is unique. There are multi-storeyed houses made of wood. People have now started building houses of stone, mad and cement. The windows are also made high so that a lot of sunlight can go inside the house. The walls are slightly inclined inwards to protect against earthquakes.

• तिब्बत का बड़ा शहर लाना 3650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यह दुनिया का माना जाता है।

It is the largest city in Tibet. Lha is considered to be the highest city in the world due to its location at an altitude of 3650 meters.

• कपड़ों तथा खाने-पीने के लिए यहाँ का बाजार बहुत प्रसिद्ध है।  ल्हासा को तिब्बतियों का दिल माना जाता है।

The market here is very famous for clothes and food Lhasa is considered the heart of Tibetans

महत्वपूर्ण बिंदु / Imp. Points:-

• गोबर से जमीन की पुलाई से मिट्टी में कोड़ा नहीं लगता ।

Cow dung does not cause at insects in the soil.

• सोहना गांव हरियाणा में है। सोहना से दिल्ली के बीच गुडगांव शहर स्थित है।

Sohna village is in Haryana. The city of Gurgaon is situated between Sohna to Delhi.

• डेरा गाजी खान पाकिस्तान में है।

Dera Ghazi Khan is in Pakistan

• बर्फ में ग्लू मकान होते हैं।

There are igloo houses in the snow.

• आजादी के बाद बाबासाहब की अगुवाई में ही हमारे देश का संविधान तैयार हुआ।

After India’s freedom the Constitution was prepared under the leadership of Babu Saheb.

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