जीवन वृत्त विधि का प्रयोग इतिहास शिक्षण में प्रभावशाली ढंग से किया जाता। इस विधि में महापुरुषों के जीवन वृत्त के रूप में इतिहास को क्रमिक रूप से पढ़ाया जाता है।
अन्य शब्दों में, महापुरुषों की जीवन-गाथाओं के द्वारा इतिहास या नागरिक शास्त्र की शिक्षा प्रदान की जाती है। इस विधि के समर्थकों के अनुसार इतिहास कालक्रम के अनुसार महान और आदर्श पुरुषों की जीवन-गाथाओं की एक श्रृंखला है।
अतः महान् पुरुषों की जीवन गाथाओं के द्वारा ही इतिहास का शिक्षण किया जाना उचित है। उदाहरण के लिए महात्मा गाँधी की बचपन की घटनाओं की गाथाओं को सुनाकर छात्रों को सत्य और प्रेम की शिक्षा दी जाएः शेष जीवन की गाथा सुनाकर राष्ट्रीय आन्दोलन का इतिहास पढ़ाया जा सकता। निम्न कक्षाओं में यह पद्धति विशेष रूप से उपयोगी है।
जीवन-गाथा पद्धति में ध्यान देने योग्य बातें-
जीवन-गाथा पद्धति द्वारा इतिहास- शिक्षण करते समय शिक्षकों को अनेक बातों पर ध्यान रखना चाहिये, उदाहरणस्वरूप-
(i) जीवनी का चुनाव-
सबसे पहली बात तो जीवनी के चुनाव की है। इस कार्य में शिक्षक द्वारा काफी सतर्कता बरतनी चाहिए। उसे किसी क्रियाशील महापुरुष का चुनाव करना चाहिए, जो बालकों के ऊपर स्थायी प्रभाव डाल सकें।
(ii) इतिहास के तथ्यों पर प्रकाश डालना-
महापुरुषों के व्यक्तित्व का इतिहास छात्रों को निष्पक्ष रूप से बताया जाना चाहिए और उनके जीवन से सम्बन्धित सभी पहलुओं पर प्रकाश डालना चाहिए।
(iii) जीवन की अतीत घटनाओं का वर्णन-
शिक्षक को किसी महापुरुष के जीवन से सम्बन्धित अतीत की घटनाओं का वर्णन छात्रों के सम्मुख करना चाहिए और उनसे सम्बन्धित सामाजिक उत्थान के विषय में भी छात्रों को बताया जाना चाहिए।
जीवन गाथा पद्धति से लाभ-
जीवन-गाथा पद्धति अनेक दृष्टिकोणों से बहुत उपयोगी सिद्ध हो रही है। इतिहास-शिक्षण की इस पद्धति से निम्नांकित लाभ हैं-
1. यह विधि छात्रों में सत्य-असत्य, उचित अनुचित में भेद उत्पन्न करने की शक्ति विकसित करती है।
2. महापुरुषों के जीवन गाथा के द्वारा बालकों के उत्तम चरित्र का निर्माण करना चाहिए।
3. विद्यार्थियों को इसमें स्वाभाविक अभिरुचि होती है जिससे वे पाठ को जान सकते है और सीख सकते है।
4. इस विधि का आश्रय लेकर छात्रों में देश-भक्ति और देश-प्रेम की भावना उत्पत्र की जा सकती है।
5. यह विधि अत्यन्त रोचक और सजीव होती है और इसके द्वारा छात्रों इतिहास को शिक्षा सुगमता से प्रदान की जा सकती है।
6. छोटो कक्षाओं में इतिहास-शिक्षण के लिए यह विधि अत्यन्त उपयोगी क्योंकि इस स्तर पर समाज को अपेक्षा व्यक्ति को आधार बनाकर इतिहास का शिक्षण अधिक सरलतापूर्वक प्रदान किया जा सकता है।
जीवन-गाथा पद्धति के दोष
जीवन-गाथा पद्धति में व्यावहारिक दृष्टि से दोष भी हैं। जो निम्नलिखित हैं-
1. इस विधि के द्वारा शिक्षण में इतिहास की सामग्री श्रृंखला स्थापित नहीं को सकती और इस कारण छात्रों को पूर्ण इतिहास का ज्ञान नहीं हो पाता।
2. यह विधि अप्रजातांत्रिक है क्योंकि यह समाज में भेद उत्पन्न करती है। इस विधि में केवल महापुरुषों के जीवन के विषय में ही छात्रों को बताया जाता है और साधारण जनता की उपेक्षा कर दी जाती है।
3. इस विधि द्वारा सम्पूर्ण इतिहास को नहीं पढ़ाया जा सकता है।
4. इस विधि द्वारा विषय-वस्तु का प्रस्तुतीकरण उचित रूप से नहीं किया जा सकता है।