नवीं पंचवर्षीय योजना(1997-2002) में शिक्षा के लिए 20381.6 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया जिनमें से 1184.4 करोड रुपये प्राथमिक शिक्षा के लिए रखे गए परन्तु व्यय केवल 1636.5 करोड़ किए गए।
इस योजना के दौरान प्राथमिक शिक्षा के प्रसार उन्नयन सम्बन्धी सभी पूर्व कार्यक्रम चालू रहे। साथ ही जनवरी, 2001 में ‘सर्वशिक्षा अभियान (Sarva Shiksha Abhiyan) शुरू किया गया। और इसका लक्ष्य 2003 तक प्राथमिक शिक्षा को सर्वसुलभ बनाना, 2007 तक सभी बच्चों को 5 वर्ष की प्राथमिक शिक्षा पूर्ण कराना और 2010 तक सभी बच्चों को 8 वर्ष की प्राथमिक शिक्षा पूर्ण कराना निश्चित किया गया।
1 अप्रैल, 2001 को निरौपचारिक शिक्षा (NFE) को शिक्षा गारन्टी योजना और वैकल्पिक एवं नई तरह की शिक्षा (Education Guarantee Scheme and Alternative and Innovative Education, EGSAIE) के रूप में परिवर्तित कर दिया। इसे संक्षेप में शिक्षा गारन्टी योजना (EGS) कहते हैं। और इसे सर्वशिक्षा अभियान का घटक बना दिया।
उद्देश्य –
शिक्षा गारन्टी योजना (EGS) मूल रूप से समाज के वंचित वर्ग के बच्चों, बाल श्रमिकों, सड़कों पर जीवन जीने वाले बच्चों, प्राकृतिक दृष्टि से कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों और 9 वर्ष से अधिक आयु के स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए बनाई गई है।
इसकी व्यवस्था ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में की जा रही है जहाँ एक किमी० के घेरे में कोई भी औपचारिक प्राथमिक स्कूल नहीं है और 6-11 आयु वर्ग के स्कूल न जाने वालों की संख्या कम से कम 15-20 हो । पर्वतीय एवं जंगली क्षेत्रों के अति दुर्गम क्षेत्रों में ऐसे 10 बच्चों पर भी एक शिक्षा गारण्टी योजना स्कूल (EGS, School) खोल दिया जाता है।
रणनीति –
शिक्षा गारंटी योजना तथा वैकल्पिक और नवाचारी शिक्षा योजना निम्नलिखित तरीकों से संचालित की जाएगी-
1. दूरस्थ विद्यालय-
रहित गाँवों में रहनेवाले बच्चे- जिन गाँवों में लगभग एक किलोमीटर के क्षेत्र में कोई विद्यालय नहीं है और छह से चौदह आयु वर्ग के 15-20 बच्चे हैं, वहाँ वैकल्पिक विद्यालय की व्यवस्था की जाएगी।
2. घुमंतू परिवारों के बच्चे-
ऐसे बच्चों के लिए सीजनल सामुदायिक छात्रावास बनाए जाएँगे, एक चल शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी। जहाँ से परिवार जाते हैं, वहाँ पर विद्यालय स्थापित किया जाएगा। बच्चों के गाँव वापस लौटने पर कंडेन्स्ड व ब्रिज कोर्स आयोजित किए जाएँगे।
3. मकतबों व मदरसों की सहायता –
मकतबों व मदरसों में बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से वैकल्पिक और नवाचारी शिक्षा योजना वहाँ भी चलाई जाएगी।
4. ब्रिज कोर्स –
बच्चों के लिए अलग-अलग अवधि के कोर्स चलाए जाएँगे तथा कंडेन्स्ड कोर्स के माध्यम से अपनी आयु के अनुसार शैक्षिक स्तर प्राप्त कर लेने पर बच्चे को औपचारिक शिक्षा की उपयुक्त कक्षा में भरती करा दिया जाएगा।
5. विशेष समूहों के बच्चों के लिए विशेष प्रकार की तथा लचीली रणनीति –
सड़क, प्लेटफॉर्म, दुकानों पर काम करनेवाले बच्चों, वेश्याओं के बच्चों आदि के लिए आवासीय शिविर चलाए जाएँगे। बड़े अर्थात् बारह से चौदह वर्ष के बच्चों के लिए लंबी अवधि के आवासीय कैप भी चलाए जाएँगे। इनकी अवधि बारह से पच्चीस महीने तक की हो सकती है।
6. कोचिंग की व्यवस्था-
जो बच्चे औपचारिक शिक्षा के विद्यालयों में नामांकित हैं, परंतु नियमित रूप से विद्यालय न जा पाने तथा विद्यालय में पूरा ध्यान न दिए जाने के कारण पढ़ाई-लिखाई में पिछड़ रहे हैं, उनके लिए कोचिंग की व्यवस्था की जा सकती है।
7. कम अवधि के ग्रीष्मकालीन शिविर –
छह से आठ वर्ष के बच्चों को विद्यालय जाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से ऐसे शिविर चलाए जाएँगे।
निष्कर्ष
शिक्षा गारंटी योजना समाज के वंचित वर्ग के बच्चों, बाल श्रमिकों, सड़कों पर जीवन जीने वाले बच्चों, प्राकृतिक दृष्टि से कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई है। इस योजना के दौरान लगभग 80 हजार नए प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूल खोले गए। परिणामतः 2001 में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों की संख्या बढ़कर 8.45 लाख हो गई और छात्रों की संख्या बढ़कर 15.66 करोड़ हो गई।
Read also
व्यक्तिव का अर्थ, परिभाषा और विशेषताएं
माध्यमिक शिक्षा आयोग की मुख्य सिफारिशें
शिक्षा आयोग की मुख्य सिफारिशें | कोठारी आयोग की मुख्य सिफारिशें
माध्यमिक शिक्षा के व्यावसायीकरण की समस्या
अभिक्रमित अनुदेशन अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, सिद्धांत, प्रकार, सीमाएं B.Ed notes
उपलब्धि/ सम्प्रति परीक्षण निर्माण के चरण