B.ed Notes in Hindi

शैक्षिक तकनीकी का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति और क्षेत्र| Educational technology meaning, definition, nature and scope in hindi

शैक्षिक तकनीकी का अर्थ (Meaning of Educational Technology) शैक्षिक तकनीकी (Educational Technology) अति विस्तृत शब्द है। इसका तात्पर्य सम्पूर्ण शैक्षिक प्रक्रिया को योजनाबद्ध कर, कार्यान्वित करने में वैज्ञानिक सिद्धान्तों को प्रयोग में लाना है। शैक्षिक तकनीकी की धारणा का प्रयोग उन सभी विधियों, प्रविधियों, व्यूह रचनाओं तथा यांत्रिक उपकरणों की अभिव्यक्ति हेतु किया जा रहा […]

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सामान्य विद्यालय प्रणाली | Common school system B.Ed notes in Hindi

सामान्य विद्यालय प्रणाली का विजन  स्वतंत्रता के बाद एक राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता को बनाए रखा गया जो सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करे। यह भी सोचा गया था कि यह प्रणाली गैर-भेदभावपूर्ण होनी चाहिए। इस दूरदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सामान्य विद्यालय प्रणाली (कॉमन स्कूल सिस्टम सी एस एस) था।

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शांति के लिए शिक्षा | Education for peace in hindi b.Ed notes

  शांति के लिए शिक्षा से अभिप्राय ऐसी शिक्षा से है जो व्यक्तियों में ऐसे मूल्य कौशलों,अभिवृत्तियों और आदर्शों का समावेश करें जिससे उन्हें दूसरों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करने और उत्तरदाई नागरिक बनने में मदद मिले। शांति के लिए शिक्षा का उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से शांति स्थापित करना है। स्कूल,कॉलेज में विद्यार्थियों को

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विस्मृति का अर्थ ,परिभाषा, प्रकार,कारण,उपाय और महत्व | Vismriti ka arth, paribhasha,prakar,Karan,upay aur mahtva

विस्मृति का अर्थ (Meaning of Forgetfulness)  स्मृति की तरह विस्मृति भी एक मानसिक क्रिया है। स्मृति के साथ-साथ विस्मृति का अध्ययन भी आवश्यक है। विस्मृति एक नकारात्मक क्रिया है। जब हम कोई नई बात सीखते हैं तो हमारे मस्तिष्क में उसकी एक छवि बन जाती है। उस छवि को हम अपनी चेतना में रखते है

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स्किनर का क्रिया प्रसूत अनुकूलन सिद्धान्त| Skinner’s Theory of Operant Conditioning in hindi

स्किनर का क्रिया प्रसूत अनुकूलन सिद्धान्त (Skinner’s Theory of Operant Conditioning) इस सिद्धान्त का प्रतिपादन अमेरिकी विचारक प्रोफेसर बी. एफ स्किनर ने 1938 में किया। स्किनर क्रिया प्रसूत अनुकूलन का आधार पुनर्बलन को मानते हैं।  इस सिद्धान्त के मूल में धॉर्नडाइक द्वारा प्रतिपादित उद्दीपन अनुक्रिया सिद्धान्त है जिसको स्किनर ने पुनर्बलन सिद्धान्त में परिवर्तित कर

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कोहलर का अन्तदृष्टि या सूझ द्वारा सीखने का सिद्धान्त| Kohler’s Insight Learning theory in hin

कोहलर का अन्तदृष्टि या सूझ द्वारा सीखने का सिद्धान्त (Kohler’s Insight Learning Theory) इस सिद्धान्त का प्रतिपादन कोहलर ने सन् 1925 में किया था। उनके अनुसार किसी समस्या के समाधान में तीव्र गति से मस्तिष्क में आया परिवर्तन समग्र दृष्टि से आता है जिसे अन्तर्दृष्टि या सूझ कहते हैं।  अधिगम के इस सिद्धांत के प्रतिपादक

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पॉवलव का शास्त्रीय अनुबन्धन का सिद्धान्त|Pavlov’s Theory of Classical Conditioning in hindi

पॉवलव का शास्त्रीय अनुबन्धन का सिद्धान्त (Pavlov’s Theory of Classical Conditioning) शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धान्त का प्रतिपादन रूसी वैज्ञानिक एवं शिक्षाशास्त्री इवान पी. पॉवलव ने 1904 में किया था। इस सिद्धान्त को अनुकूलित अनुक्रिया, सम्बन्ध प्रतिक्रिया, प्रतिस्थापन अधिगम अथवा अनुबंध अधिगम के नाम से भी जाना जाता है। इस सिद्धान्त के अनुसार प्राचीन व्यवहार में परिवर्तन

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स्रोत विधि – गुण और दोष | Source Method in Hindi

  सामाजिक अध्ययन के शिक्षण हेतु यह एक सक्रिय विधि है। जानकारी अथवा ज्ञान प्राप्ति हेतु हम साधन, स्रोतों की सहायता लेते हैं, जो हमें अपनी परिस्थिति विशेष में प्राप्त हो। जिसकी सहायता से हमें ज्ञान अथवा सूचना की प्राप्ति हो उसे ही स्रोत विधि कहा जाता है।स्रोत भूतकालीन घटनाओं के द्वारा छोडे गये शेष

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जीवन गाथा विधि – सावधानियां, गुण और दोष | Biological method in hindi

जीवन वृत्त विधि का प्रयोग इतिहास शिक्षण में प्रभावशाली ढंग से किया जाता। इस विधि में महापुरुषों के जीवन वृत्त के रूप में इतिहास को क्रमिक रूप से पढ़ाया जाता है। अन्य शब्दों में, महापुरुषों की जीवन-गाथाओं के द्वारा इतिहास या नागरिक शास्त्र की शिक्षा प्रदान की जाती है। इस विधि के समर्थकों के अनुसार

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कहानी कथन विधि- विशेषताएं,गुण और दोष | story telling method in hindi

बिना उपकरणों के सहारा लिए सबसे अधिक व्यवहारत विधि जो आज भी विद्यालयों में दृष्टिगत होती है वो कहानी कथन विधि है। कहानी में बालक को प्रारंभ से ही रुचि रहती है और यदि इस विधि को ठीक प्रकार से उपयोग में लिया जाए तो वेज अपनी सीमाओं के बावजूद बहुत उपयोगी है। कहानी कथन

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