B.ed Notes in Hindi

विस्मृति का अर्थ ,परिभाषा, प्रकार,कारण,उपाय और महत्व | Vismriti ka arth, paribhasha,prakar,Karan,upay aur mahtva

विस्मृति का अर्थ (Meaning of Forgetfulness)  स्मृति की तरह विस्मृति भी एक मानसिक क्रिया है। स्मृति के साथ-साथ विस्मृति का अध्ययन भी आवश्यक है। विस्मृति एक नकारात्मक क्रिया है। जब हम कोई नई बात सीखते हैं तो हमारे मस्तिष्क में उसकी एक छवि बन जाती है। उस छवि को हम अपनी चेतना में रखते है […]

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स्किनर का क्रिया प्रसूत अनुकूलन सिद्धान्त| Skinner’s Theory of Operant Conditioning in hindi

स्किनर का क्रिया प्रसूत अनुकूलन सिद्धान्त (Skinner’s Theory of Operant Conditioning) इस सिद्धान्त का प्रतिपादन अमेरिकी विचारक प्रोफेसर बी. एफ स्किनर ने 1938 में किया। स्किनर क्रिया प्रसूत अनुकूलन का आधार पुनर्बलन को मानते हैं।  इस सिद्धान्त के मूल में धॉर्नडाइक द्वारा प्रतिपादित उद्दीपन अनुक्रिया सिद्धान्त है जिसको स्किनर ने पुनर्बलन सिद्धान्त में परिवर्तित कर

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कोहलर का अन्तदृष्टि या सूझ द्वारा सीखने का सिद्धान्त| Kohler’s Insight Learning theory in hin

कोहलर का अन्तदृष्टि या सूझ द्वारा सीखने का सिद्धान्त (Kohler’s Insight Learning Theory) इस सिद्धान्त का प्रतिपादन कोहलर ने सन् 1925 में किया था। उनके अनुसार किसी समस्या के समाधान में तीव्र गति से मस्तिष्क में आया परिवर्तन समग्र दृष्टि से आता है जिसे अन्तर्दृष्टि या सूझ कहते हैं।  अधिगम के इस सिद्धांत के प्रतिपादक

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पॉवलव का शास्त्रीय अनुबन्धन का सिद्धान्त|Pavlov’s Theory of Classical Conditioning in hindi

पॉवलव का शास्त्रीय अनुबन्धन का सिद्धान्त (Pavlov’s Theory of Classical Conditioning) शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धान्त का प्रतिपादन रूसी वैज्ञानिक एवं शिक्षाशास्त्री इवान पी. पॉवलव ने 1904 में किया था। इस सिद्धान्त को अनुकूलित अनुक्रिया, सम्बन्ध प्रतिक्रिया, प्रतिस्थापन अधिगम अथवा अनुबंध अधिगम के नाम से भी जाना जाता है। इस सिद्धान्त के अनुसार प्राचीन व्यवहार में परिवर्तन

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स्रोत विधि – गुण और दोष | Source Method in Hindi

  सामाजिक अध्ययन के शिक्षण हेतु यह एक सक्रिय विधि है। जानकारी अथवा ज्ञान प्राप्ति हेतु हम साधन, स्रोतों की सहायता लेते हैं, जो हमें अपनी परिस्थिति विशेष में प्राप्त हो। जिसकी सहायता से हमें ज्ञान अथवा सूचना की प्राप्ति हो उसे ही स्रोत विधि कहा जाता है।स्रोत भूतकालीन घटनाओं के द्वारा छोडे गये शेष

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जीवन गाथा विधि – सावधानियां, गुण और दोष | Biological method in hindi

जीवन वृत्त विधि का प्रयोग इतिहास शिक्षण में प्रभावशाली ढंग से किया जाता। इस विधि में महापुरुषों के जीवन वृत्त के रूप में इतिहास को क्रमिक रूप से पढ़ाया जाता है। अन्य शब्दों में, महापुरुषों की जीवन-गाथाओं के द्वारा इतिहास या नागरिक शास्त्र की शिक्षा प्रदान की जाती है। इस विधि के समर्थकों के अनुसार

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कहानी कथन विधि- विशेषताएं,गुण और दोष | story telling method in hindi

बिना उपकरणों के सहारा लिए सबसे अधिक व्यवहारत विधि जो आज भी विद्यालयों में दृष्टिगत होती है वो कहानी कथन विधि है। कहानी में बालक को प्रारंभ से ही रुचि रहती है और यदि इस विधि को ठीक प्रकार से उपयोग में लिया जाए तो वेज अपनी सीमाओं के बावजूद बहुत उपयोगी है। कहानी कथन

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इतिहास शिक्षण की विधियाँ | Methods of Teaching History in Hindi

इतिहास शिक्षण विधि का अर्थ-इतिहास पढ़ाने की कौन-कौन सी विधियां हैं। शिक्षण विधि किसी कार्य की वह योजना है जिसका निर्धारण किसी शैक्षिक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये किया जाता है। यह विशेष शैक्षिक उद्देश्य से ही सम्बन्धित होती है। शिक्षण विधि एक रास्ता है जिस पर चलकर हम शैक्षिक उद्देश्य को प्राप्त कर

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थार्नडाइक का सीखने का सिद्धान्त | प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत

ई. एल. थार्नडाइक (E. L. Thorndike) ने 1913 में प्रकाशित होने वाली अपनी पुस्तक शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) में सीखने का एक नवीन सिद्धान्त प्रतिपादित किया। इस सिद्धान्त को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है; यथा- 1. Thorndike’s Connectionism (थार्नडाइक का सम्बन्धवाद)। 2. Connectionist Theory (सम्बन्धवाद का सिद्धान्त)। 3. Stimulus-Response (S-R) Theory (उद्दीपन-प्रतिक्रिया सिद्धान्त)। 4.

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उपलब्धि/ सम्प्रति परीक्षण निर्माण के चरण | Construction of Achievement test in hindi

उपलब्धि परीक्षण निर्माण के चरण सम्प्राप्ति परीक्षण के निर्माण की प्रक्रिया को चार मुख्य सोपानों में बांटा जा सकता है- (1) परीक्षण की योजना बनाना (Planning the Test) (2) प्रश्नों की रचना करना (Preparing the Items) (3) प्रश्नों का चयन करना (Selecting the Items) (4) परीक्षण का मूल्यांकन करना (Evaluating the Test) 1) परीक्षण की

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