B.ed Notes in Hindi

अभिक्रमित अनुदेशन अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, सिद्धांत, प्रकार, सीमाएं B.Ed notes

अभिक्रमित अनुदेशन (Programmed Instruction) अभिक्रमित अनुदेशन विद्यार्थियों द्वारा स्वतः शिक्षण एवं सीखने की विधि मानी जाती है। इसका विकास मनोवैज्ञानिकों द्वारा प्रयोगशाला में किए गये प्रयोगों के आधार पर हुआ है। अमेरिका के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिकों प्रो. बी. एफ. स्किनर को इस विधि के प्रतिपादन का श्रेय जाता है। इस विधि का व्यक्तिगत शिक्षण में विशेष […]

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माध्यमिक शिक्षा के व्यावसायीकरण की समस्या | Problem of Vocationalization of Secondary Education in hindi

व्यवसायीकरण का अर्थ (MEANING OF VOCATIONALIZATION) व्यवसायीकरण का सामान्य अर्थ किसी भी प्रकार के व्यवसाय से होता है परन्तु माध्यमिक शिक्षा में इसका अर्थ किसी विशेष विषय के प्रशिक्षण से है, जैसे- टैक्नीकल शिक्षण या फिर शैक्षिक शिक्षण।  माध्यमिक शिक्षा के व्यावसायीकरण की समस्या (Problem of Vocationalization of Secondary Education) समस्या का स्वरूप हमारे देश

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समायोजन की रक्षा युक्तियाँ | Defense Mechanisms of Adjustment in hindi

रक्षात्मक युक्तियां का संप्रत्य मुलभूत रूप से सिगमण्ड फ्रायड ने दिया परन्तु उनकी पुत्री अन्ना फ्रायड व नव- फ्रायडिमन द्वारा फ्रायड के इस मुलभूत विचार को विस्तृत किया गया।  रक्षात्मक युक्तियों का तात्पर्य उन कार्यों से हैं जीने एक व्यक्ति अपने वातावरण से समायोजन के लिए अचेतन रूप से प्रयुक्त करता है ये सकारात्मक भी

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शिक्षा आयोग की मुख्य सिफारिशें | कोठारी आयोग की मुख्य सिफारिशें

शिक्षा आयोग, 1964-66 (Education Commission) या कोठारी आयोग स्वतन्त्रता के उपरान्त शिक्षा का अत्यन्त तीव्रगति से विकास हुआ, परन्तु यह विकास केवल संख्यात्मक या गुणात्मक नहीं। इसके साथ-साथ संविधान में शिक्षा के प्रति किये गये संकल्पों को भी पूरा नहीं किया जा सका ।  इससे शिक्षा क्षेत्रों में असन्तोष प्रकट किया जाने लगा तथा स्वतन्त्रोत्तर

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माध्यमिक शिक्षा आयोग की मुख्य सिफारिशें |मुदलियार आयोग की मुख्य सिफारिशें

माध्यमिक शिक्षा आयोग, 1952-53 (Secondary Education Commission, 1952-53) या (मुदालियर आयोग) स्वतन्त्रता-प्राप्ति के उपरान्त यद्यपि विश्वविद्यालय शिक्षा के विकास के सम्बन्ध में एक आयोग का गठन किया जा चुका था तथापि शैक्षिक क्षेत्रों में यह महसूस किया जा रहा था कि माध्यमिक शिक्षा का सम्बन्ध में विस्तृत ढंग से विचार किया जाना चाहिए जिससे माध्यमिक

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व्यक्तित्व का अर्थ, परिभाषा और विशेषताएं

अर्थ –  ऐतिहासिक आधार पर व्यक्तित्व (Personality) शब्द की उत्पत्ति लैटिन (Latin) भाषा के शब्द परसोना (Persona) से हुई है जिसका तात्पर्य है- लिबास या नकाब अर्थात् दिखावटी चेहरा जो कि ग्रीक एक्टर (Actor) नाटक का मंचन करते समय धारण करते थे,  किन्तु यह व्यक्तित्व का संकुचित अर्थ ही बताता है। चूँकि ‘Persona’ एक बाह्य

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शिक्षा गारंटी योजना | Shiksha guarantee yojna B.ed notes in Hindi

नवीं पंचवर्षीय योजना(1997-2002) में शिक्षा के लिए 20381.6 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया जिनमें से 1184.4 करोड रुपये प्राथमिक शिक्षा के लिए रखे गए परन्तु व्यय केवल 1636.5 करोड़ किए गए।  इस योजना के दौरान प्राथमिक शिक्षा के प्रसार उन्नयन सम्बन्धी सभी पूर्व कार्यक्रम चालू रहे। साथ ही जनवरी, 2001 में ‘सर्वशिक्षा अभियान (Sarva

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माध्यमिक शिक्षा का अर्थ और वर्तमान स्थिति | Madhyamik shiksha ki vertman stithi

माध्यमिक शिक्षा का अर्थ  कार्टन बी. गुड के अनुसार ‘माध्यमिक शिक्षा, शिक्षा का वह समय है जो सामान्यतः 12 से 17 वर्ष की उम्र के बालक-बालिकाओं के लिए होता है। इस काल में अध्ययन के प्रमुख उपकरणों का प्रयोग, स्वामित्व, अभिव्यक्ति व विचारिक स्वतंत्रता, विविध जानकारी प्राप्त करने, बौद्धिक, कुशलता, अभिरूची और आदर्शों तथा आदतों

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विद्यालय प्रबन्धन का अर्थ एवं कार्य

विद्यालय प्रबन्धन की अवधारणा (Concept of School Management) विद्यालय एक शैक्षिक संस्था है एवं प्रबन्धन वह साधन है जिसके द्वारा इस संस्था का सुचारू रूप से संचालन किया जाता है। इस प्रकार विद्यालय प्रबंधन का अर्थ है विद्यालय को वांछित शैक्षिक नीतियों के अनुसार चलाना। विद्यालय प्रबंधन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा मानव और भौतिक

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प्रतिभा विकास विद्यालय बी.एड नोट्स

प्रतिभा विकास विद्यालय या राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, जिसे लोकप्रिय रूप से आरपीवीवी के नाम से जाना जाता है, का नाम बदलकर डॉ. भीम राव अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (डीबीआरए-एसओएसई) कर दिया गया है, जो भारत में शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एक स्कूल है। वर्तमान में दिल्ली में कुल 23 राजकीय प्रतिभा

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