B.A Ancient History Notes in Hindi

रोमन कानून पर विस्तृत टिप्पणी | Detailed note on Roman law in Hindi

रोमन कानून पर विस्तृत टिप्पणी | Detailed note on Roman law in Hindi  रोम की परवर्ती सभ्यता के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण देन कानून के क्षेत्र में है। रोमन कानून पारसीक, हिब्रू अथवा इस्लामी कानूनों की भांति दैवी (डिवाइन) न होकर मानवीय थे। अर्थात इसका निर्माण किसी देवता अथवा पैगम्बर (देवदूत) ने नहीं, अपितु मनुष्य ने […]

रोमन कानून पर विस्तृत टिप्पणी | Detailed note on Roman law in Hindi Read More »

समुद्रगुप्त के सामरिक अभियान का विवरण दीजिए| Samudragupta ke saamrik abhiyan ka vernan

Que- समुद्रगुप्त के सामरिक अभियान का विवरण दीजिए।  or समुद्रगुप्त के दक्षिण पथ अभियान का विवरण दीजिए।  or समुद्रगुप्त के सामरिक विजय का विवरण दीजिए।  उत्तर –   समुद्रगुप्त ‘परक्रमाङ्क’ (350-375 ईस्वी) चन्द्रगुप्त प्रथम के पश्चात् उसका सुयोग्य पुत्र समुद्रगुप्त साम्राज्य की गद्दी पर बैठा। वह लिच्छवि राजकुमारी कुमारदेवी से उत्पन्न हुआ था। समुद्रगुप्त न केवल

समुद्रगुप्त के सामरिक अभियान का विवरण दीजिए| Samudragupta ke saamrik abhiyan ka vernan Read More »

हम्मूराबी की विधि संहिता और उसका महत्व | Hammurabi ki vidhi sanhita aur uska mahtva

Q- हम्मूराबी की विधि संहिता के महत्व का विवेचना कीजिए। Ans –  परिचय – हम्मूराबी बेबिलोनिया का एक राजा था। वह प्रथम बेबिलोनिया राजवंश का छठा राजा था। उसने 1792 ईसापूर्व से 1750 ईसापूर्व तक मध्य मेसोपोटामिया (वर्तमान इराक) में शासन किया था।  हम्मूराबी की विधिसंहिता बेबिलोनियन प्रशासन को व्यवस्थित करने तथा उसे सशक्त बनाने

हम्मूराबी की विधि संहिता और उसका महत्व | Hammurabi ki vidhi sanhita aur uska mahtva Read More »

सोलह महाजनपद पर एक निबंध लिखिए| Solah Mahajanpad

Q- सोलह महाजनपद पर एक निबंध लिखिए । or  Q- षोडस महाजनपद पर एक निबंध लिखिए । Ans– महाजनपद प्राचीन भारत में मौजूद सोलह राज्यों का एक समूह था। यह सब तब शुरू हुआ जब उत्तर वैदिक काल की जनजातियों (जनों) ने अपने स्वयं के क्षेत्रीय समुदाय बनाने का फैसला किया, जिसने अंततः ‘राज्य’ या

सोलह महाजनपद पर एक निबंध लिखिए| Solah Mahajanpad Read More »

छठी शताब्दी ईसा पूर्व के गणराज्यों की विवेचना कीजिए | Chhathi shatabdi isa purva ke ganrajya

 Q- छठी शताब्दी ईसा पूर्व के गणराज्यों की विवेचना कीजिए । Ans– छठी शताब्दी ईसा पूर्व में, उत्तरी भारत में बड़ी संख्या में राज्य थे और इनमें से कुछ का राजाओं द्वारा नहीं बल्कि गण या संघ द्वारा शासन होता था जिनका छोटे गणराज्यों या कुलीनतंत्रों के रूप मे गठन हुआ। वह बुद्ध का युग

छठी शताब्दी ईसा पूर्व के गणराज्यों की विवेचना कीजिए | Chhathi shatabdi isa purva ke ganrajya Read More »

मेसोपोटामिया सभ्यता की विशेषताएँ | Mesopotamia sabhayta ki visheshaye

मेसोपोटामिया सभ्यता की विशेषताएँ | Mesopotamia sabhayta ki visheshaye  मेसोपोटामिया की सभ्यता (Mesopotamian Civilization) मेसोपोटामिया दो शब्दों से मिलकर बना है- ‘मेसो’ और ‘पोटामिया’, जिसका शाब्दिक अर्थ है दो नदियों के बीच का क्षेत्र । दजला और फरात दो नदियों के बीच के क्षेत्र को, जो अभी इराक है, मेसोपोटामिया कहा जाता था। पश्चिमी एशिया

मेसोपोटामिया सभ्यता की विशेषताएँ | Mesopotamia sabhayta ki visheshaye Read More »

रोम साम्राज्य में ईसाई धर्म का विकास| Roman samrajya me isai dharm ka vikas

रोम साम्राज्य में ईसाई धर्म का विकास (Development of Christianity under the Roman Empire) परिचय (Introduction ) ईसाई धर्म की उत्पत्ति और विकास रोम साम्राज्य में ही नही अपितु संपूर्ण विश्व इतिहास में एक अति महत्त्वपूर्ण तथा युगान्तरकारी घटना के रूप में स्मरणीय है। इसके उद्भव के समय किसी को विश्वास नहीं था कि थोड़े

रोम साम्राज्य में ईसाई धर्म का विकास| Roman samrajya me isai dharm ka vikas Read More »

पार्थियन सभ्यता की मुख्य विशेषताएं | Parthian sabhayta ki pramukh vishestaye| prachin Vishwa ki pramukh sabhaytaye notes in hindi

प्राचीन विश्व की सभ्यताएं notes  पार्थियन सभ्यता पार्थियन सभ्यता की मुख्य विशेषताएं (Main Features of Parthian Civilization) परिचय (Introduction)-  पार्थियन साम्राज्य प्राचीन ईरान में 247 ईसा पूर्व से 224 ईस्वी तक एक प्रमुख ईरानी राजनीतिक और सांस्कृतिक शक्ति थी। इसका संस्थापक पार्थिया का अर्सकीज प्रथम, जो कि पर्णि कबीले का प्रमुख भी था, ने तृतीय

पार्थियन सभ्यता की मुख्य विशेषताएं | Parthian sabhayta ki pramukh vishestaye| prachin Vishwa ki pramukh sabhaytaye notes in hindi Read More »

महापद्मनन्द की उपलब्धियों का वर्णन करिए| Mahapadmananda ki uplabdhiyan

महापद्मनन्द की उपलब्धियां (Achievement of Mahapadmananda) नंद वंश (344 ई.पू. से 324-23 ई.पू.) संस्थापक – महापद्मनंद  महापद्म नंद ने शिशुनाग वंश का अंत कर मगध साम्राज्य पर अधिकार किया तथा नंद वंश की स्थापना की। नंद वंश के समय मगध की शक्ति चरमोत्कर्ष पर पहुँची। इस वंश के अधीन नंद एवं उसके आठ पुत्रों ने

महापद्मनन्द की उपलब्धियों का वर्णन करिए| Mahapadmananda ki uplabdhiyan Read More »

Scroll to Top