Sociology

दुर्खीम का आत्महत्या का सिद्धांत | Durkhiem ka aatmahatya ka siddhant

दरखायम ने आत्महत्या संबंधी अपने संपूर्ण अध्ययन को अपनी पुस्तक Suicide : A study in sociology (1897) में प्रस्तुत किया। इसके अध्ययन के लिए उन्होंने ग्यारह देशों यानी इटली, बेल्जियम, इंग्लैंड, नार्वे, आस्ट्रिया, स्वीडन, बेवरिया, फ्राँस, प्रशा, डेनमार्क एवं सेक्सोनी से आत्महत्या संबंधी आँकड़ों को संग्रहित किया। दुर्खीम ने आत्महत्या से संबंधित पूर्व-प्रचलित सभी सिद्धांतों

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Meaning and Type of Juvenile delinquency in Sociology

  Juvenile delinquency is one of the serious problems of the modern society. It is the outcome of rapid urbanisation and industrialisation of modern age. Social conditions associated with these two processes have affected the family pattern. This has resulted in an atmosphere that is favourable to the growth of juvenile delinquency. A large number

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Max Weber’s ideological theory of social change | Max Weber’s theory of social change

Max Weber ‘s theory of social change is a modified version of Karl Marx ‘s theory of change, and hence it reflects Marx’s social change. Weber, while modifying Marx’s social change, says that according to Marx, the only basis of social change is the economic system. Whereas according to Weber, economic system can be an

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पश्चिमीकरण का अर्थ, परिभाषा और विशेषताएं | Westernisation meaning and characteristics in hindi

परिचय –  डॉ. एम. एन. श्रीनिवास ने भारतीय समाज में परिवर्तन की प्रक्रियाओं का अध्ययन करने हेतु संस्कृतीकरण एवं पश्चिमीकरण की अवधारणाओं को प्रस्तुत किया। इसे इस दिशा में प्रथम व्यवस्थित प्रयत्न माना जा सकता है। डॉ. श्रीनिवास ने पश्चिमीकरण शब्द का प्रयोग उन परिवर्तनों को प्रकट करने के लिए किया है जो भारत में

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Talcott Parsons’ Theory of Social Stratification

Talcott Parsons’ Theory of Social Stratification Talcott Parsons is a pioneer among functionalists. According to Parsons, stability and cooperation are essential for society. This is possible only when all the members of the society are of the same opinion about some values. Unless there is consensus regarding values, society will become disorganized. Values arise from

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टालकट पारसंस का सामाजिक स्तरीकरण का सिद्धांत|Parson’s Theory of Social stratification in Hindi

टालकट पारसंस का सामाजिक स्तरीकरण का सिद्धांत (Talcot Parson’s Theory of Social stratification) प्रकार्यवादियों में टालकट पारसंस अग्रणी हैं । पारसंस के अनुसार समाज के लिए स्थायित्व और सहयोग का होना आवश्यक है। यह तभी संभव है जब समाज के सभी सदस्य कुछ मूल्यों के लिए एक मत हो। जब तक मूल्यों के संबंध में

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सामाजिक समूह का अर्थ, परिभाषा और विशेषताएं

परिचय –  समाजशास्त्र के अंतर्गत समूह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवधारणा है। इसकी महत्ता इतनी अधिक है कि बोगार्डस, जानसन आदि समाजशास्त्रियों ने समाजशास्त्र को सामाजिक समूहों के अध्ययन का विषय कहा है। सामाजिक समूह का अर्थ एवं परिभाषा (MEANING AND DEFINITION OF SOCIAL GROUP) सामाजिक समूह से तात्पर्य ऐसे व्यक्तियों के संकलन से है

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टॉयनबी का सामाजिक परिवर्तन का चक्रीय सिद्धान्त

अंग्रेज इतिहासकार अर्नाल्ड जे. टॉयनबी ने विश्व की 21 सभ्यताओं का अध्ययन किया तथा अपनी पुस्तक ‘A Study of History, 1934’ में सामाजिक परिवर्तन का अपना सिद्धान्त प्रस्तुत किया। टॉयनबी के सिद्धान्त को ‘चुनौती एवं प्रत्युतर का सिद्धान्त’ (Theories of ‘Challenge and Response’) ‘भी कहते है। उनके अनुसार प्रत्येक सभ्यता को प्रारम्भ में प्रकृति एवं

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समाज -अर्थ, परिभाषा और विशेषताएं

अर्थ समाजशास्त्र समाज का विज्ञान’ है। इसीलिए ‘समाज’ समाजशास्त्र की एक प्रमुख अवधारणा है। हम सब लोग समाज में रहते हैं। समाज के बिना हमारा जीवन सम्भव नहीं है। इसीलिए यह भी कहा जाता है कि “जहाँ जीवन है, वहाँ समाज भी है।” वास्तव में, व्यक्ति एक-दूसरे के साथ सामाजिक सम्बन्ध स्थापित करते हैं। इससे

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