Sociology

पैरेटो का सामाजिक परिवर्तन का चक्रीय सिद्धान्त|Pareto ka samajik parivertan ka chakriya siddhant

सामाजिक परिवर्तन के चक्रीय सिद्धान्त (Cyclical Theories of Social Changes) चक्रीय सिद्धान्तकारों का मत है कि समाज में परिवर्तन का एक चक्र चलता है। हम जहाँ से प्रारम्भ होते हैं. घूम-फिरकर पुन: वहीं पहुँच जाते हैं। इस प्रकार के विचारों की प्रेरणा विद्वानों को सम्भवतः प्रकृति से मिली होगी। प्रकृति में हम देखते हैं कि […]

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Pareto cyclical theory of social change Sociology notes in English

Pareto cyclical theory of social change Cyclical Theory of Social Change The advocates of this theory believe that we reach from the point we started. They must probably have been inspired by natural changes. These scholars said that society and culture go through the cycle of rise and fall. For this, they mentioned the various

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Social change and cultural change sociology notes|Cultural change in Sociology notes|Social change in Sociology notes

Social change and cultural change sociology notes Social Change  Change is a very broad concept. Though change is all around us, we do not refer to all of it as social change. Thus, physical growth from year to year, or change of seasons do not fall under the concept of social change. In sociology, we

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मैकडॉनल्डाइज़ेशन क्या है| MacDonaldization in hindi |मैकडोनाल्डीकरण क्या है?

मैकडॉनल्डाइज़ेशन  मैकडॉनल्डाइज़ेशन शब्द का प्रयोग समाजशास्त्री जॉर्ज रिट्जर ने अपनी पुस्तक ” The MacDonaldization of Society” में किया है। यह शब्द उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसके द्वारा फास्ट फूड रेस्तरां के सिद्धांत अमेरिकी समाज के साथ साथ बाकी दुनिया के अधिक से अधिक क्षेत्र में हावी हो रहे है। मैकडॉनल्डाइज़ेशन युक्तिकरण की एक

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सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन के बीच अन्तर | samajik parivertan aur sanskritik parivertan ke beech anter

सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन के बीच अन्तर- सामाजिक परिवर्तन का अर्थ क्या है , सामाजिक परिर्वतन की परिभाषा और विशेषताएं  के बारे में हम पढ़ चुके है। इस पोस्ट में हम सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के बीच अन्तर को अच्छे से देखेंगे । सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के बीच अन्तर की इस पोस्ट को पढ़ने के

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सामाजिक परिवर्तन का अर्थ,परिभाषा और विशेषताएं | Samajik parivertan ka arth aur vishestaye

 सामाजिक परिवर्तन  समाजिक परिर्वतन के बारे में ,सामाजिक परिवर्तन का अर्थ क्या है,सामाजिक परिवर्तन की विशेषताएं,सामाजिक परिवर्तन की परिभाषा का इस पोस्ट में विस्तार से बताया गया है ।  सामाजिक परिवर्तन का अर्थ ‘परिवर्तन’ शब्द का प्रयोग व्यापक अर्थों में किया जाता है। यद्यपि हमारे आस-पास हमेशा परिवर्तन होता रहता है। पर यह सामाजिक परिवर्तन नहीं

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आधुनिकीकरण का अर्थ, परिभाषा और विशेषताएं

आधुनिकीकरण आधुनिकीकरण शब्द लैटिन भाषा के मॉडल से लिया गया है जिसका अर्थ है अभी-अभी या नवीनतम । आधुनिकीकरण बड़े पैमाने पर सामाजिक परिवर्तनों की एक व्यापक प्रक्रिया है जो एक बार गति में आने के बाद जीवन के सभी क्षेत्रों – आर्थिक क्षेत्र, सामाजिक क्षेत्र ,राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश कर जाती और परिवर्तन लाती

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सुरजीत सिन्हा का सभ्यतागत परिप्रेक्ष्य

सुरजीत सिन्हा का सभ्यतागत परिप्रेक्ष्य  (Civilization Perspective of Sinha ) सुरजीत सिन्हा जीवन-चित्रण एवं प्रमुख कृतियाँ (Surajit Sinha: Life-sketch and Main Works) सुरजीत सिन्हा का जन्म 1926 ई० में हुआ था। वह रोबर्ट रैडफील्ड के शिष्यों में से एक हैं। उनका प्रमुख कार्य भूमिज हिन्दू अन्तर्क्रिया पर है एवं वह यह भी नहीं स्वीकारते कि

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जी एस घुर्ये का भारत विद्याशास्त्रीय उपागम – Indological perspective

जी एस घुर्ये का भारत विद्याशास्त्रीय उपागम (Indological perspective of G.S Ghurye) भारत विद्या परिप्रेक्ष्य इण्डोलॉजी शब्द का प्रयोग एक स्वतंत्र विज्ञान और एक अध्ययन के परिप्रेक्ष्य दोनों रूपों में किया जाता है। एक स्वतंत्र विज्ञान के रूप में इण्डोलॉजी का तात्पर्य भारतीय उपमहाद्वीप के प्राचीन धर्मग्रंथों एवं महाकाव्यों (वेद, पुराण, उपनिषद, ब्राह्मण आदि), भाषाओं

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कार्ल मार्क्स का अलगाव का सिद्धांत

कार्ल मार्क्स का अलगाव का सिद्धांत (Marx’s Theory of Alienation) मानवतावादी विचारक कार्ल मार्क्स ने पूंजीवादी समाज के आलोचना के विश्लेषण के क्रम में श्रमिकों के अमानवीय दशाओं के चित्रण करने हेतु अलगाव की अवधारणा को प्रस्तुत किया है और इसे (अलगाव को) एक ऐसी सामाजिक मनोवैज्ञानिक दशा या स्थिति के रूप में परिभाषित किया है

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