Sociology

जॉर्ज होमन्स का विनिमय सिद्धांत । George homans exchange theory in hindi

विनिमय सिद्धांत: जॉर्ज होमन्स (Exchange Theory of George Homans) होमन्स की मान्यता है कि विनिमय के सिद्धान्त का अध्ययन दो समाजशास्त्रीय सम्प्रदाय के आधार पर किया जा सकता है। दोनों सम्प्रदायों ने अपने-अपने दृष्टिकोण से विनिमय सिद्धांत की व्याख्या और विश्लेषण किया है, जो निम्नलिखित है 1. ब्रिटिश संदर्भ परिधि या व्यक्तिवादी अभिमुखन 2. फ्रांस […]

जॉर्ज होमन्स का विनिमय सिद्धांत । George homans exchange theory in hindi Read More »

सार्वभौमीकरण और स्थानीयकरण – मैकिम मैरियट

सार्वभौमीकरण और संकीर्णीकरण (स्थानीयकरण) – मैकिम मैरियट सार्वभौमीकरण (Universalization) मैकिम मैरियट (1955) ने सार्वभौमीकरण की प्रक्रिया का उल्लेख सांस्कृतिक प्रसार (Cultural Diffusion) की प्रक्रिया को दर्शाने के लिए किया है। मकिम मैरियट की दृष्टि में जब लघु परम्परा के तत्त्वों यथा देवी-देवता, प्रथाएँ, संस्कार इत्यादि का फैलाव क्षेत्र विस्तृत हो जाता है, तब यह फैलाव

सार्वभौमीकरण और स्थानीयकरण – मैकिम मैरियट Read More »

गिडेन्स का संरचनाकरण का सिद्धांत |एंथोनी गिडेन्स

गिडेन्स का संरचनाकरण का सिद्धांत(Theory of Giddense’s Structuration theory परिचय (Introduction)– एंथोनी गिडेंस एक ब्रिटिश समाजशास्त्री हैं । उनका जन्म 1938 ई . में हुआ था । उन्होंने स्रातक स्तर की शिक्षा लंदन के हल्ल विश्वविद्यालय से प्राप्त की । लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की । बाद में वे इस

गिडेन्स का संरचनाकरण का सिद्धांत |एंथोनी गिडेन्स Read More »

दुर्खीम का धर्म सिद्धांत | Durkheim theory of religion

दुर्खीम का धर्म का सामाजिक सिद्धांत  Durkheim theory of religion दुर्खीम से पहले धर्म से सम्बन्धित कई सिद्धांत ( टायलर का आत्मावाद , मैक्समूलर का प्रकृतिवाद आदि ) प्रचलित थे , जिसमें धर्म की व्याख्या व्यक्तिगत विचार , प्रक्रियाओं अथवा मनोवैज्ञानिक धारणाओं ( अर्थात् भय , आश्चर्य स्वप्न आदि ) के संदर्भ में की गई

दुर्खीम का धर्म सिद्धांत | Durkheim theory of religion Read More »

Auguste Comte law of three stages notes

Auguste Comte law of three stages  Auguste Comte:  Auguste Comte (January 17, 1798 – September 5, 1857) was a French thinker known as the “father of sociology.” He developed a philosophy he called “Positivism,” in which he described human society as having developed through three stages, the third of which he called the “positive” stage,

Auguste Comte law of three stages notes Read More »

नेतृत्व और आंदोलन| सामाजिक आंदोलन मे नेतृत्व की भूमिका

सामाजिक आंदोलन मे नेतृत्व की भूमिका (Role of Leadership in Social Movement) नेतृत्व और आंदोलन (Leadership and Movement) नेतृत्व और आंदोलन में घनिष्ठ संबंध है। नेतृत्व आंदोलन का एक भाग है। नेतृत्व सामाजिक आंदोलन की उत्पत्ति के साथ-साथ उन्हें बनाए रखने में भी योगदान करता है। कोई भी आंदोलन हो एक नेता द्वारा ही आकार

नेतृत्व और आंदोलन| सामाजिक आंदोलन मे नेतृत्व की भूमिका Read More »

सतत विकास क्या है – महत्व और प्रासंगिकता

सतत विकास(Sustainable development) ● सतत विकास सामाजिक आर्थिक विकास की वह प्रक्रिया है जिसमें पृथ्वी की सहनशक्ति के अनुसार विकास की बात की जाती है। ● सतत विकास अंग्रेजी के दो शब्दो sustain +development से मिलकर बना है। Sustain का अर्थ है संभालना या पोषित करना और develeopment का अर्थ है विकास या जीवन की गुणवत्ता

सतत विकास क्या है – महत्व और प्रासंगिकता Read More »

Habermas Public Sphere theory

 Habermas’s Public Sphere theory Habermas in his book “Structural Transformation of the Public Sphere” has discussed the theory of Public Sphere . For Habermas, the public and private spheres are not two dichotomous, mutually exclusive entities. The onset of economic modernization and capitalism in Europe impacted the relationship between the public and private spheres. Capitalist society brought with

Habermas Public Sphere theory Read More »

जेंडर और विकास दृष्टिकोण / लिंग और विकास दृष्टिकोण-GAD

जेंडर और विकास दृष्टिकोण / लिंग और विकास दृष्टिकोण (Gender and Development approach-GAD) पुरुष महिला व विकास (  जेंडर एंड डेवलपमेंट ) 1980 के दशक में डब्ल्यू आई डी दृष्टिकोण (WID) के विकल्प के रूप में आया है। महिलाओं के जीवन के सभी पक्षों का ध्यान करने वाला समग्र दृष्टिकोण है । यह पुरुष और

जेंडर और विकास दृष्टिकोण / लिंग और विकास दृष्टिकोण-GAD Read More »

लुईस कोजर के संघर्ष के प्रकार्य पर विचार |लुईस कोजर का संघर्ष का प्रकार्यवादी सिद्धांत

लुईस कोजर का संघर्ष के प्रकार्यात्मक विचार (Lewis Coser’s Functional Ideas of Conflict) लुईस अल्फ्रेड कोसर (27 नवंबर 1913 को बर्लिन में – 8 जुलाई 2003 को कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में) एक जर्मन- अमेरिकी समाजशास्त्री थे। उनका डॉक्टरेट शोध प्रबंध, “सामाजिक संघर्ष के कार्य” 1956 में प्रकाशित हुआ था लुईस कोजर ( लेविस कोजर ) ने

लुईस कोजर के संघर्ष के प्रकार्य पर विचार |लुईस कोजर का संघर्ष का प्रकार्यवादी सिद्धांत Read More »

Scroll to Top